02/10/2024
कांडी पम्पिंग योजना का पहला परीक्षण आखिरकार सफल रहा, और इस सफलता ने नैनबाग क्षेत्र में उत्साह और उमंग की लहर पैदा कर दी है। जौनपुर क्षेत्र के ग्राम सभा कांडी के निवासियों के लिए यह परियोजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि तीन दशक का संघर्ष और उम्मीदों का प्रतीक थी। आज, जब यमुना नदी से देवोकोल तक पहला पानी पहुंचा, तो मानो वर्षों का इंतजार और संघर्ष एक झटके में रंग लाया।
तीस साल से अधिक का इंतजार और कई असफल प्रयासों के बाद, जब धामी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना को स्वीकृति दी थी, तब ग्राम सभा के लोगों को एक नई आशा मिली थी। लगभग दो वर्षों के लंबे इंतजार और निर्माण कार्यों के बाद, आज पहला परीक्षण सफल रहा। इस परीक्षण ने केवल पानी ही नहीं, बल्कि गांव के हर घर में उम्मीद की नई किरणें भी पहुंचाई हैं।
गांव के लोग अपने-अपने तरीके से खुशियां मना रहे हैं। किसी ने खेतों में नई फसल की उम्मीद से पानी का स्वागत किया, तो किसी ने अपने आंगन में बैठकर भविष्य के सपनों को सींचा। चारों ओर खुशी का माहौल है।
वहीं, राजनीति भी अपने अंदाज में पीछे नहीं रही। योजना के सफल होने के साथ ही नेताओं के समर्थक भी इसका श्रेय लेने की होड़ में लग गए हैं। हर कोई अपने नेता को इस सफलता का मुख्य आधार बता रहा है। परंतु, क्षेत्र के लोग इस खेल को देखते हुए भी अपनी असली खुशी को खोने नहीं दे रहे। आखिरकार, उनके खेतों और जीवन में पानी की सीधी पहुंच उनके संघर्ष का सबसे बड़ा इनाम है।
अधिकारियों का कहना है कि योजना का पहला मुख्य ट्रायल, जो मेन स्रोत से देवोकोल तक था, सफल रहा। अधिशासी अभियंता केशवानंद सेमवाल ने बताया कि यह परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था, और अब उनका मुख्य ध्यान प्रत्येक गांव तक पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने पर है। अगर सभी कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो अगले छह महीनों में पूरी तरह से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
कांडी पम्पिंग योजना की इस सफलता ने न केवल गांव के लोगों को राहत दी है, बल्कि यह भी दिखाया है कि जब समाज और सरकार एकजुट होकर काम करते हैं, तो हर कठिनाई पर विजय पाई जा सकती है।
उपेन्द्र सिंह रावत