04/07/2025
🌿 बागा सराहन - हिमालय की गोद में बसा एक स्वर्ग सा गांव 🌄
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सराहन गांव में स्थित बागा सराहन (Baga Sarahan) एक ऐसा स्थान है जहां प्रकृति अपनी पूरी सुंदरता के साथ बसती है। यह स्थान बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच बसी एक हरी-भरी घाटी में है, जहां का हर दृश्य postcard जैसा लगता है। गांव के बीच में स्थित सुंदर मंदिर इस जगह की आध्यात्मिक गरिमा को और भी बढ़ा देता है।
बागा सराहन राजधानी शिमला से लगभग 170 किमी उत्तर की ओर स्थित है और रामपुर से लगभग 45 किमी की सुरम्य यात्रा के बाद यह खूबसूरत गांव सामने आता है। निरमंड से यह स्थान लगभग 30 किमी दूर है। हिमाचल प्रदेश के सेराज क्षेत्र में स्थित यह गांव हर प्रकृति प्रेमी और यात्री के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
इस गांव की खासियत यह है कि यह एक ओर घने जंगलों और खुले घास के मैदानों से घिरा हुआ है, तो दूसरी ओर पारंपरिक कठकुहनी शैली के घर और सेब के बगीचे इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। गांव की मुख्य सड़क सीधी घास के मैदान में जाकर खुलती है, जो इसे और भी खास बनाती है। हालांकि सार्वजनिक परिवहन सीमित है, फिर भी निजी वाहन या टैक्सी से यहां पहुंचना सुविधाजनक रहता है।
बाशलेउ दर्रा और झरनों की सैर यहां के मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं। आप कैंपसाइट से कुछ ही दूरी पर स्थित झरनों तक सैर कर सकते हैं, जहां झरने की आवाज़ें और घाटी का दृश्य दिल को सुकून देता है। वहीं रोमांच पसंद लोग बाशलेउ दर्रे तक ट्रेक कर सकते हैं जो समुद्र तल से लगभग 3277 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पैदल यात्रा देवदार के जंगलों, घास के मैदानों और खेतों से होकर गुजरती है, और अंत में खुलती है एक ऐसे स्थान पर, जहां प्रकृति खुद बिखर जाती है।
सेराज शब्द उर्दू में “सूर्य” या “प्रकाश” का प्रतीक है, और यह क्षेत्र कुल्लू जिले में बाहरी व आंतरिक हिस्सों में विभाजित है। जलोरी दर्रा और बाशलेउ दर्रा इन हिस्सों को आपस में जोड़ते हैं, और यह स्थान स्थानीय संस्कृति और परंपराओं से भरपूर है।
बागा सराहन को मिनी खजियार भी कहा जाता है, और यह उपमा इसे यूं ही नहीं मिली। यहां की हरियाली, शांति और प्राकृतिक आकर्षण आपको खजियार की याद दिलाते हैं।
अगर आप हिमालय की गोद में शांति, रोमांच और सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं — तो बागा सराहन आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। 🌲🏕️✨
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