02/05/2025
सज्जन नागरिकों के पास हथियार होना क्यो आवश्यक हैं और जो लोग इस बात का विरोध करते हैं, क्या वह अनजाने में आतंकियों का सपोर्ट नही कर रहे हैं ?
वीडियो की इस घटना को आप पहलगाम से जोड़कर समझ सकते हैं। इस घटना में एक बंदूकधारी आतंकी महिलाओं के एक समूह पर लूटने या मारने की नीयत से बंदूक तान कर आता हैं । पहलगाम में भी ऐसा ही हुआ । वहाँ 4 बंदूकधारी मारने की नीयत से आए ।
वीडियो में जब महिलाओं ने बंदूकधारी को देखा तो सभी सकते में आ गई और बंदूकधारी ने बंदूक की नोक महिलाओं से सामान छीनना शुरू कर दिया ।
पहलगाम में बंदूकधारियों ने सामान छिनने की जगह उनसे धर्म पूछ कर गोलियां मारने लग गया क्योकि उसकी नियत छिनने की जगह मारना थी ।
पहलगाम व इस वीडियो में काम दोनों बंदूक की नोक पर ही हो रहा है, लेकिन भिन्नता क्या है ?
पहलगाम में सब निहत्थे थे, उनके पास स्वयं की रक्षा के लिए कुछ भी नही था, वह भगवान के भरोसे थे । लेकिन वीडियो में पास में खड़ी महिला के पास भी बंदूक थी । नतीजन अपनी बंदूक से बंदूकधारी पर वार कर धराशायी कर दिया । कार में बैठे बाकी बदमाश, आतंकी भी जान बचाने के चक्कर मे साथी बंदूकधारी को वही छोड़कर भाग गए ।
लेकिन पहलगाम में ऐसा नागरिकों के पास सुरक्षा के लिए कुछ भी नही था । नागरिक सुरक्षा बल या भगवान के भरोसे थे तो आतंकियों ने एक के बाद एक लोगो से धर्म पूछते गए और गोली मारते गए क्योकि आतंकी निश्चिंत थे कि यहां एक भी नागरिक के पास हथियार नही हैं तो उन्होनें अपनी जान पर कुछ भी खतरा महसूस नही किया जिससे करीब 30 लोगो को मारकर फरार हो गए ।
अब जो लोग यह फालतू का ज्ञान देते हैं कि सज्जन नागरिकों को हथियारबंद करने से आपस मे लड़ मरेंगे तो अमेरिका, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड के अलावा भारत के कुर्ग में ऐसा क्यो नही होता हैं ? यह उनको सोचना चाहिए ।
ऐसा कर क्या वह लोग आतंकियों के हौसले और बुलंद करने का काम नही कर रहे हैं ?
अतः फर्जी ज्ञान देने के बजाय लोगो की सुरक्षा के लिए सज्जन नागरिकों को हथियार देने वाले कानून की सरकार से मांग कर दबाव बनाना चाहिए ।