
09/06/2025
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, से बन कर चलने वाली ट्रेन के डिब्बे का मनोरंजक दृश्य~ परिवार ने चढ़ते ही ये सात से बाहरा सीट हमारी है! आप वहाँ बैठ जाएँगे, आपकी कोन सी है, मेरी तो अगले डिब्बे में है, ओह प्लीज़ थोड़ा एडजस्ट करलो आप उस सीट पर बैठ जाइए, पीछे समान लादे सवारी रास्ता माँग रही है। चाय चाय की आवाज़ कानो में पड़नी शुरू हो गई, अभी गाड़ी चली भी नहीं की गर्म नाश्ता~ब्रेड आमलेट कट लेट, वाला बीच में फस कर खड़ा हो गया, तभी खिड़की से आवाज आई यह ट्रेन फलाना स्टेशन जाएगी ☹️ जो सवारी बैठ गई मानो जंग जीत ली हो अब सुकून से मोबाइल पर ध्यान मगन हो गई, अब उनकी बला से दुनिया भाड़ में जाए। लो जी बिस्कुट नमकीन केक वाला भी निकलने को जैसे सिग्नल का इंतज़ार कर रहा हो। तभी एक लंबे शंख सी आवाज़ सुनाई दी और हल्का सा धक्का महसूस हुआ, थोड़ा हलचल बंद हुई सब खिड़कियों से बाहर देखने लग गए मानो कोई फ़िल्म शूरू होने वाली हो, ऊपर मालगाड़ी से लदे बैग अटैची बड़ी बेबस निगाहों से अपनी सवारियों को घूरने से लग गए हैं, साले ख़रीदते लोकल हैं और काम अमरीकन टूरिस्ट का लेते हैं ।पता नहीं बाहर से आते हवा के झोंके से या, अपने ही डिब्बे से आती शौच की महक भारतीय रेल का एहसास करवा करवा रही हो किड़की से बाहर लाइनो पर बैठे आदमी और औरतें कूड़े के गोदाम यह भी दिल्ली है 😅 आइए किसी दिन आपको एक छोटे से सफ़र पर ले चलूँ कसम से बड़ा मजा आयेगा