Khan Bahadur Tour & Travels

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06/05/2025

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🍃_ Zindgi me Hume Ese Logo'n Ka bhi Saamna Karna Padta hai Jo Hume Takleef Dene Ke Bavjood Khud Ko Masoom Samajhte hai'n...
26/02/2025

🍃_ Zindgi me Hume Ese Logo'n Ka bhi Saamna Karna Padta hai Jo Hume Takleef Dene Ke Bavjood Khud Ko Masoom Samajhte hai'n _,*
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*🍃_‏ زندگی میں ہمیں ایسے لوگوں کا بھی سامنا کرنا پڑتا ہے جو ہمیں تکلیف دینے کے باوجود خود کو معصوم سمجھتے ہیں _,*
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*🍃_ ज़िंदगी में हमें ऐसे लोगों का भी सामना करना पड़ता है जो हमें तकलीफ़ देने के बावजूद खुद को मासूम समझते हैं _,*
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☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜            •┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈•*🍃_ Kuchh Log Jungli Jhadiyo'n Ki Tarah Hote Hai'n Unse Ulajhne Ki Bajay...
25/02/2025

☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜
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*🍃_ Kuchh Log Jungli Jhadiyo'n Ki Tarah Hote Hai'n Unse Ulajhne Ki Bajaye Bach Kar Nikalne me hi Bhalayi Hoti hai _,*
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*🍃_‏ کچھ لوگ جنگلی جھاڑیوں کی طرح ہوتے ہیں ان سے الجھنے کی بجائے بچ کر نکلنے میں ہی بھلائی ہوتی ہے _,*
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*🍃_ कुछ लोग जंगली झाड़ियों की तरह होते हैं उनसे उलझने की बजाय बच कर निकलने में ही भलाई होती है_,*
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24/02/2025

🌺24-02-2025/25-Sh'aban-1446🌺*
☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜
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*🍃_ Aa'nsu Ek Ajeeb Kahani hai Khushi aur Gam Ki Nishaniya'n Jaanne Walo Ke Liye Qeemti hai'n aur Na Jaanne Walo Ke Liye Paani _,*
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*🍃_‏آنسو ایک عجیب کہانی ہے۔خوشی اور غم کی نشانیاں جاننے والوں کے لیے قیمتی ہیں اور نہ جاننے والوں کے لیے پانی _,*
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*🍃_ आंसु एक अजीब कहानी है ख़ुशी और गम की निशानियां जानने वालों के लिए क़ीमती हैं और ना जानने वालों के लिए पानी_,*
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23/02/2025

🌺2025-Sh'aban-1446🌺*
☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜
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*🍃_ Insaani Kaifiyat Samandar Ki Lehro Ki Tarah Hoti hai Kabhi Pur Sukoon To Kabhi Toofani Bas Apne Andar Ke Toofan Ko Sambhalna Seekho Sukoon Khud Hi Mil Jayega _"*
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*🍃_‏ انسانی کیفیت سمندر کی لہروں کی طرح ہوتی ہے، کبھی پر سکون تو کبھی طوفانی۔ بس اپنے اندر کے طوفان کو سنبھالنا سیکھو، سکون خود ہی مل جائے گا _,*
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*🍃_ इंसानी कैफियत समंदर की लहरों की तरह होती है कभी पुर सुकून तो कभी तूफानी बस अपने अंदर के तूफान को संभालना सीखो सुकून खुद ही मिल जाएगा_,*
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23/02/2025

*🏵﷽ 🏵*

│ ✦ *जकात के मसाइल* ✦ ┗─────────────🏵
│ *✷पोस्ट ✷* ┗─────────💸
*★_ खैर और तामीर के काम में जकात_★*

*★_मस्जिद मदरसा खानका़ह कुआं पुलिया किसी इदारे की तामीर वगैरह में जकात की रकम खर्च करना जायज नहीं ।अगर उसमें खर्च कर दी गई तो जकात अदा नहीं होगी । क्योंकि उस माल में जकात को मालिकाना तौर पर नहीं दिया गया जबकि अदा ए जकात के लिए मुस्तहिक शख्स को मालिक बना कर देना जरूरी है_,*
*®_(शरह तनवीर-2/100)*

*★_ जकात की रकम इन कामों में भी खर्च की जा सकती है_★*

*★_१- जकात की रकम से दीनी किताबें और कुरान मजीद छपवा कर या खरीद कर मुस्तहिक तलबा और अहले इल्म को मालिक बना कर देना ।*

*★_२_जकात की रकम से मदरसे के तलबा का माहाना वजीफा मुकर्रर करना ।*

*★_३_जकात की रकम से मदरसे के गरीब उस्तादों की मुआवनत करना। ( तनख्वाह के अलावा)*

*★_४_ जकात की रकम से किसी जरूरतमंद और हाजत मंद का माहाना मुकर्रर करना।*

*★_५_ जकात की रकम से मुजाहिदीन कि जिहाद की जरूरत पूरी करना।*

*★_६- जकात की रकम से गरीब वालदेन की लड़की (जो साहिबे निसाब ना हो )की शादी में मुआवनत करना वगैरा-वगैरा ।*

*🗂️_ (फिक़हुल इबादात- 290)

23/02/2025

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*⚀_ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम _,⚀*
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*👀_ जब _आंख _खुलेगी _👀*

*▒ पोस्ट↝ ▒*

*⊙:➻ हुक़ूक़ की तलाफी की सूरतें _,*
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*✪_क़यामत के दिन हुकूक से अहद बरा होने के लिए ज़रूरी है कि अववल तो आदमी किसी का हक़ अपने जिम्मे न रखे, बल्की पूरी दयानत व अमानत के साथ अपने मामलात को साफ रखे और किसी की गीबत वगेरा से परहेज़ करें और अगर गफलत कोताही की वजह से उसके ज़िम्मे कुछ हुकूक लाज़िम हों तो उसकी तलाफ़ी व तदारिक की कोशिश करे,*

*✪"_ और तालाफ़ी की तफ़सील ये है कि हुक़ूक़ या माली होंगे या इज्ज़त व आबरू से मुताल्लिक़ और दोनो सूरतो में साहिबे हक़ मालूम होगा या नहीं ? पस ये कुल चार सूरतें हैं:-*
*"1.अव्वल - हक माली हो और साहिबे हक़ मालूम हो, इस सूरत में उसका हक़ अदा कर दे, और अगर अदा करने की क़ुदरत ना रखता हो तो उससे माफ़ करा ले,*

*✪"_2. दोम - हक़ माली हो और साहिबे हक़ मालूम हो, मसलन किसी शख़्स से कोई चीज़ खरीदी थी, उसके दाम अदा नहीं किए और वो शख्स कहीं गायब हो गया, अब उसका कुछ पता नहीं चलता, या वो शख्स मर गया और उसका कोई वारिस भी मालूम नहीं, तो इस सूरत में इतनी रकम उसकी तरफ से सदका़ कर दे,*

*✪"_सोम 3.:- अगर हक़ गैर माली हो और साहिबे हक़ मालूम हो, मसलन किसी को मारा था या उसे गाली दी थी, या उसकी गीबत की थी या उसकी तहकीर की थी तो उससे माफी मांगना जरूरी है,*

*✪"_ 4.चहारम:- अगर हक़ गैर माली हो और असहाबे हुकूक मालूम ना हो, यानी ये याद ना हो कि जिंदगी भर में किस किस को गाली दी? किस किसको सताया? किस किसकी गीबते की ? वगेरा वगेरा, तो इसकी तदबीर ये है कि उन सबके लिए दुआ व इस्तगफार करता रहे, अल्लाह ताला की बरगाह में कुछ तौबा व नादमत के साथ ये दुआ करता रहे - या अल्लाह मेरे जिम्मे तेरे बहुत से बंदो के हुक़ूक़ हैं और मैं उनको अदा करने या असहाबे हुकूक से माफ़ी माँगने पर भी कादिर नहीं हूँ, या अल्लाह! उन तमाम लोगों को आप अपने ख़ज़ाना रहमत से बदला अता फरमाकर उनको मुझसे राज़ी कर दीजिए,*

*✪_ यही तदबीर इस सूरत में अख्त्यार की जाए, जब साहिबे हक़ तो मालूम हो मगर उससे माफी मांगना मुमकिन ना हो या दीनी मसलिहत के खिलाफ हो, या किसी का माली हक़ उसके जिम्मे हो मगर ये उसके अदा करने की क़ुदरत ना रख्ता हो ,*
*"_ अलगर्ज़! हुकूक की अदायगी या तलाफ़ी का बहुत ही अहतमाम होना चाहिए, वरना क़यामत का मामला बहुत ही मुश्किल है,*

*🗂️_ जब आंख खुलेगी _105 ( हजरत युसुफ लुधियानवी शहीद रह.)*

Today, the SADABAHAAR Restaurant has started serving both veg and non-veg dishes, according to this menu.
21/02/2025

Today, the SADABAHAAR Restaurant has started serving both veg and non-veg dishes, according to this menu.

🌺21-02-2025/22-Sh'aban-1446🌺*        ☜█❈ *Haqq Ka Daayi*❈ █☞               ☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜            •┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈...
21/02/2025

🌺21-02-2025/22-Sh'aban-1446🌺*
☜█❈ *Haqq Ka Daayi*❈ █☞
☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜
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*🍃_ Hum Kis Qadar Ajeeb Log hai'n Sahab, Muhabbat Hum Nibha Nahi Sakte Nafrat Hum Seh Nahi Sakte Ahsaas Humme Zinda Nahi Raha Ahatram Humme Baqi Nahi Hasad Humme bhara Pada hai Galti Hum Tasleem Nahi Karte Ma'azrat Karna Hume Toheen Lagta hai ibaadat Ki Humko Khabar Nahi Maut Hume Yaad Nahi aur Fir Kehte hai'n K Sukoon Na Jane Kidhar Kho gaya ?"*
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*🍃_‏ ہم کس قدر عجیب لوگ ہیں صاحب، محبت ہم نبھا نہیں سکتے نفرت ہم سہہ نہیں سکتے احساس ہم میں زندہ نہیں رہا احترام ہم میں باقی نہیں حسد ہم میں بھرا پڑا ہے غلطی ہم تسليم نہیں کرتے معذرت کرنا ہمیں توہين لگتا ہے عبادت کی ہم کو خبر نہیں موت ہمیں یاد نہیں ہے اور پھر کہتے ہیں کہ "سکون نا جانے کدھر" کھو گیا ہمارا ؟,*
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*🍃_ हम किस क़दर अजीब लोग हैं साहब, मुहब्बत हम निभा नहीं सकते नफ़रत हम सह नहीं सकते अहसास हममें ज़िंदा नहीं रहा अहतराम हममें बाक़ी नहीं हसद हममें भरा पड़ा है गलती हम तसलीम नहीं करते माअज़रत करना हमें तोहीन लगता है इबादत की हमको खबर नहीं मौत हमें याद नहीं और फिर कहते हैं "सुकून ना जाने किधर" खो गया ?_,*
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16/02/2025

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*ﺑِﺴْــــــــــــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ*
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✿ *इस्तक़बाल ए रमज़ान* ✿

*▍पोस्ट नं- 02 ▍*

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*✿●•·अज़ीज़ों ! रमज़ान उन बरकत दिनों में से सबसे अफ़ज़ल और गोल्डन चांस है, लिहाज़ा शुक्राने नियामत का इज़ाफ़ा ये है कि हम रमज़ान से पहले इसकी भरपूर तैयारी में लग जाए,*

*✿●•"_हमारे दिलों में रमज़ान की क़दरदानी उसी वक़्त पैदा होगी जब हम चंद उमूर का रमज़ान से पहले एहतेमाम करें:-*

*➠ 1-गुज़रे हुए साल का मुहासबा_,*

*✿●•ज़रा एक बार तन्हाई में बैठ जाए और गुज़िश्ता रमज़ान से ले कर इस रमज़ान तक हमने क्या क्या नेकियाँ की और क्या क्या बुराइयां की, इसका दिल मे इस्तहज़ार करे,*

*✿●•_रमज़ान से कम से कम 2 हफ्ता पहले ये काम करे, जब मुहासबा करने पर ये महसूस हो कि बुराइयां ज़्यादा और नेकियाँ कम है तो अच्छी तरह वज़ू करे और दो रकअत सलातुल तौबा खुशु व खुज़ू के साथ अदा करे,*

*✿●•दो रकअत के बाद खूब इस्तिग़फ़ार करे,और अल्लाह ताला से अपने गुनाहों की माफी तलब करे, अगर किसी को तकलीफ दी हो तो उससे फौरन माफी मांगे, फिर दुआ में अल्लाह से तौफीक़े खैर का मुतालबा भी करे और अल्लाह ताला से ये अहद करें कि ऐ अल्लाह! आज से मैं हर नमाज़ जमात के साथ अदा करूंगा,और तेरा हर हुक्म तस्लीम करूंगा, हर हाल में तेरी इताअत करूंगा और नाफरमानी से दूर रहूंगा,*

*✿●•अब नमाज़े बाजमात और क़ुरान पाक की तिलावत का आगाज़ आज ही से कर दे,*

*📕

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Sohna Road
Gurugram
122001

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