Barot Valley: Paradise on Earth

Barot Valley: Paradise on Earth Barot is a picnic spot situated mid of himalya 40 km far from J/Nagar, 66 km from Mandi & 25 km from Ghatasni (NH 154). Its a good choice for trekking...
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Barot is a picnic spot and tourist location in Mandi district in the Indian state of Himachal Pradesh. It is situated 40 km from Jogindernagar and 66 km from Mandi, the district headquarters. The road to Barot branches off at Jogindernagar-Mandi high ways and from Jogindernagar the distance is 40 km. It is sometimes possible to use the trolley from Jogindernagar which reduces the distance to 12 km

.A haulage trolley of the British times connects Barot to Jogindernagar. This trolley link was set up to facilitate transport of construction material to Barot for a reservoir on Uhl river for Shanan Power House. The trolley was also sparingly used as a means of transport since Barot was not linked to a road till 1975.Barot is situated in a small V-Shaped valley formed by the Uhl river. Surrounded on both sides by parts of the Dhauladhar range of the Himalayas, Barot is located at an elevation of 1819 metres above the mean sea level. Most of the village is settled along the banks of Uhl on both sides in Joginder Nagar Valley. The Uhl barrage and reservoir for the Shanan Power House are a major geographical feature of Barot. Most of the forest around Barot is Deodar and Himalayan Oak...Barot is a frequent backpacker and day tourist destination. Many trekking trails pass through Barot, including trails to Bada Bhangal, Manali and Kullu. Most of the day tourists as attracted by the serene surroundings and cheap availability of accommodation The Thandi Golai ground on the way to old Mayot road is the camp site for various treckers organised by the trecking organisers. Rulling, the highest village in Mandi district is just an hour's uphill treck falling in Lapas panchayat.

आप सभी को सादर प्रणाम 🙏🏻 वन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा समय समय पर वन्य जीवों के सरंक्षण हेतु नोटिफिकेशन निकाली जाती है इ...
21/04/2025

आप सभी को सादर प्रणाम 🙏🏻

वन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा समय समय पर वन्य जीवों के सरंक्षण हेतु नोटिफिकेशन निकाली जाती है इसी संदर्भ में मोनाल की कलगी व अन्य दुर्लभ प्रजातियों के शरीर के किसी भी हिस्से को सजावट के तोर पर दिखाना वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 के तहत कानूनी अपराध है । इस नोटिफिकेशन के तहत मोनाल व जुजुराना की कलगी, लेपर्ड के दांत, या अन्य तरह जीवों के अंगों को न तो सोशल ओकेजन पर लगाया जा सकता है ना ही सोशल मीडिया पर दिखाया जा सकता है । अगर ऐसा करते हुए कोई पाया जाता है तो उसके विरुद्ध वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी । भले ही आर्टिकल रजिस्टर क्यों न हो फिर भी वह उसे कहीं भी न तो लगा सकता है न ही पब्लिक प्लेस में दिखा सकता है। बिना रजिस्टर्ड आर्टिकल के केस में तो उसके विरुद्ध सीधे जीव हत्या का केस चलेगा।
सूचना जनहित में जारी ।

इनका नाम मनीष शर्मा है। ये गत 2 3 दिनों से लग घाटी के काइस धार ट्रैक से लापता है। इनकी लग घाटी के कुपड़ी तारापुर गड़ या ...
03/10/2024

इनका नाम मनीष शर्मा है। ये गत 2 3 दिनों से लग घाटी के काइस धार ट्रैक से लापता है। इनकी लग घाटी के कुपड़ी तारापुर गड़ या साथ लगते इलाके से मंडी के चौहार घाटी में निकलने की भी आशंका है। तो यदि किसी साथी को यह दिख जाए तो ज़रूर दिए गए नंबर पर बताए।
साथ ही यदि कोई मंडी के चौहार घाटी से संबंध रखता है वो कृप्या इस ओर ध्यान दे।
7876071193
7876277763

पुलिस को इनके पूरे नेटवर्क की जांच करनी चाहिए। इनके बनाये सॉफ्टवेयर में हर वो जनाकारी मिल सकती है। वेबसाइट उड़ा दी होगी त...
21/07/2024

पुलिस को इनके पूरे नेटवर्क की जांच करनी चाहिए। इनके बनाये सॉफ्टवेयर में हर वो जनाकारी मिल सकती है। वेबसाइट उड़ा दी होगी तो भी डेटा कहीं न कहीं तो स्टोर होगा उनके सिस्टम में। बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें उनके Invest किये पैसे भी नहीं मिले होंगे। यह पूरा सकैम MLM स्कीम की तरह है जिसमें एक व्यक्ति को और व्यक्ति जोड़ने पर कमीशन का लालच दिया जाता है। जितने ज्यादा जुड़ेंगे उतना पैसा आएगा। यह सकैम इतना बड़ा बन ही नहीं सकता था जब तक हमारे ही बीच के लोगों ने उन सकैमर की मदद न की हो। वो जानकर की हो या अनजाने में लेकिन की जरूर है। पुलिस को उस चेन तक पहुंचना होगा और जिन लोगों ने पैसे गवाए हैं उन्हें उनके पैसे वापिस मिलने चाहिए।
जिन लोगों ने अनजाने में इसमें हिस्सा लिया और कमाया। उन्हें भी यह रिग्रेट तो होना चाहिए कि जो पैसा कमाया असल में वह पैसा कमाया नहीं गया है। चेन में जुड़े हजारों लाखों नए लोगों जिन्हें बलि के बकरे कहा जा सकता है, के खून पसीने के कमाई के पैसे की बंदरबांट है। नया बंदा जोड़ने का अर्थ ही यह है कि नया मुर्गा लाओ। उससे जो पैसा मिला उसको ठगने का रिवॉर्ड कमीशन के तौर पर पकड़ो और वहीं से बड़े बड़े ठगों को इंटरेस्ट भी दे दिया गया उसे भी ठगने का रिवॉर्ड समझो।जिसे Interest और कमीशन का नाम दे दिया गया। और इसी लालच में लोग नए नए लोगों को ठगते गए।। यह सकैम इतना बड़ा है कि जब बात निकलती है तो समाज में आसपास भारी संख्या दिखती है जिनको ठगा गया है। मेरे विचार में ठगे गए लोगों की चुप नहीं बैठना चाहिए। उन्हें इस घोटाले की पाई-2 वापिस लाने में पुलिस की मदद अवश्य करनी चाहिए और खुलकर आगे आकर बात रखनी चाहिए।
यह पूरा सकैम बताता है कि हम पढ़े लिखे मूर्ख हैं। जो हमें कुछ भी परोस दिया जाए उसपर विश्वास कर देते हैं। हमारी तार्किक सोच मर चुकी है। हमारी जांचने की सोच खत्म की जा चुकी है। केवल इस सकैम की बात नहीं। इंटरनेट के कारण जनाकारी मिलना बहुत सरल हो गया है। मैंने केवल जानकारी कहा सही जानकारी नहीं। सही जानकारी पता करना अब किसी खान में सोना ढूंढना जैसा है। अब आपके ऊपर है कि आप इतनी मेहनत करते हो या शिकार बनना पसंद करते हो। वर्षों पहले शायद हम इतनी जानकारी नहीं झेलते थे। जितनी आजकल झेलते हैं।
जो अभी भी खाली हाथ बैठे हैं निकलो घरों से दोस्तों,, जाकर पुलिसवालों की मदद करो। उन्हें बताओ कि आपका कितना पैसा फंसा पड़ा है। पुलिस तभी जल्दी जल्दी पूरा नेटवर्क ढूंढ सकती है। बिना हमारी मदद के उनका काम मुश्किल हो जाता है।

01/07/2024
01/07/2024

शीशामाटी पहुंच चुके हैं देवता हुरंग नारायण,, कुछ ही देरी में ढालपुर होंगे देवता जी।

तो कौन-2 आज देवता हुरंग नारायण जी के स्वागत व आशीर्वाद हेतु ढालपुर पहुंचने वाले हैं??
01/07/2024

तो कौन-2 आज देवता हुरंग नारायण जी के स्वागत व आशीर्वाद हेतु ढालपुर पहुंचने वाले हैं??

30/06/2024

भुठी में देवता हुरंग नारायण जी का
अद्भुत स्वागत... हजारों की भीड़ उमड़ी.. आस पास के पूरे गांव देवता के स्वागत में भुठी पहुंचे। इस समय भुठी में काहीके जैसी vibe... ऐसा अद्भुत नज़ारा मैंने आज तक नहीं देखा। कुल्लू वालों का प्रेम सर आंखों पर,, निःशब्द...।

30/06/2024

कुछ ही देरी में देवता हुरंग नारायण कडॉन में पहुंचेंगे लगघाटी के लोग बेसब्री से देवता जी का इंतजार करते हुए..

आज ब्लैक एंड वाइट ब्रॉडकास्टर चैनल के माध्यम से उदय सिंह पठानिया जी ने युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। बात किसी युव...
26/06/2024

आज ब्लैक एंड वाइट ब्रॉडकास्टर चैनल के माध्यम से उदय सिंह पठानिया जी ने युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। बात किसी युवा अभ्यर्थी के कमेंट के इर्द गिर्द थी,, जिसने JOA 817 के परिणाम के इंतजार में निराशा से भरा हुआ एक कमेंट लिख दिया था। जिसमें उन्होंने लिखा कि "जब तक यह सिस्टम JOA 817 का परिणाम निकाले शायद तब तक वे इस दुनिया में न रहे, इसलिए रोल नंबर ABC लिख रहा हूँ देखिएगा कि मेरी मेहनत रंग लाई या नहीं" यह टिपणी बेरोजगार युवाओं की मनोस्थिति को बताती है। सरकारें कोई भी रही हो,, वक्त से भर्तियां नहीं आती। वेकैंसी आये तो एग्जाम नहीं कराए जाते। Exam हो जाये तो यह डर सताए रहता है कि पेपर लीक जैसा कुछ न हुआ हो,, यदि हो गया तो एग्जाम रद्द कर दिया जाता। सब बाधाओं से पार पाकर यदि सब ठीक भी रहा तो समय से परिणाम नहीं आते। यह भी डर रहता कि कोई कोर्ट में स्टे लगाकर प्रक्रिया को लंबा न खींच ले।

युवाओं की उम्र निकलती जा रही है। कुछ युवाओं की प्रायोरिटी रहती है कि पहले अपने पैरों पर खड़ा हो जाये फिर शादी की सोचेंगे। ऐसे में टिक-टिक करती घड़ी की सुई उनपर और दबाव डालती है। दबाव इस बात का कि कुछ हो नहीं पा रहा,, अब तक केवल पढ़ाई पर समय दिया स्किल कोई सीखी नहीं। ऐसे में पढ़कर भी कुछ हो नहीं पा रहा। बढ़ती उम्र के साथ घरवाले अलग से शादी व अन्य तरह का दबाव डालते हैं।

युवा करें तो करें क्या? कुछ अपने रिजल्ट के मुद्दे पर लड़ रहे कुछ वेकैंसी पर... कुछ के लिए अलग मुद्दे हैं। हर अलग मुद्दे के साथ वे भी बंटे हुए हैं। एक मंच पर कोई इकट्ठा हो नहीं पा रहा। सब बंटे हुए हैं... अपने-2 हितों की लड़ाई में... ऐसे में आंदोलन भी खड़ा कैसे हो पायेगा। दूसरी ओर जिस संजीदगी से सरकारों को काम करना चाहिए वो भी हो नहीं पा रहा।।

हर युवा सरकारी नौकरी तो नहीं ले सकता लेकिन सरकार को बेरोजगारी जैसे मुद्दे से लड़ने के लिए समाधान तो निकालने ही होंगे। मनाली जैसे क्षेत्र में अगर हम बेरोजगारी की बात करें तो शायद वहां के बच्चों को उतना प्रभाव नहीं पड़ता। क्योंकि एक तो वे बागवानी और दूसरा टूरिस्ट हॉट स्पॉट होने के कारण वहां पैसे कमाना और अपना कोई काम शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं है। वैसे ही हिमाचल में कई जगह ऐसी है जहां यदि काम किया जाए तो वहां के युवा केवल सरकारी नौकरियों के भरोसे नहीं रहेंगे।

अपनी चुहार घाटी की बात करूं तो यह घाटी बागवानी, कृषि व टूरिज्म के लिहाज से बहुत सामर्थ्य रखती है। लेकिन अपने पूरे पोटेंशियल पर अभी भी यह घाटी काम नहीं कर पा रही। इसका एक मुख्य कारण है यहां जमीनों का बंटवारा इस तरह से है कि किसी एक व्यक्ति की जमीन एक साथ नहीं है। एक छोटा सा खेत यहां है तो दूसरा कहीं दूर जाकर होगा। खेतों के बंटवारे पत्थर की सिउँ डालकर किया गया है। खेत भी इतने छोटे-2 कि मुश्किल से एक कमरा भी नहीं बन सकता। ऐसे में यहां के लोगों के हाथ कुछ करने से पहले ही कट जाते हैं। क्योंकि प्रेम भाव से यदि आपस में खेत बदला दिए जाए तो ठीक है। अन्यथा किसी का कुछ नहीं बन पाता। और समाज मे एक दूसरे को बढ़ता देख द्वेष भावना इतनी ज्यादा हो गयी है कि कोई किसी को बढ़ता देख नहीं पाता। ऐसे में खेत आपस मे बदलना भी असंभव काम लगता है।

यदि सरकार ऐसी जगह दोबारा निशानदेही कर,, जमीनों को फिर से 2,3 प्लॉट बनाकर बाटें तो मुझे लगता है कि इससे वे इस क्षेत्र के लोगों को इतनी बड़ी शक्ति दे देंगे कि वे स्वयं से ही स्वरोजगार के साधन पैदा कर देंगे। युवाओं को केवल सरकारी नौकरी पर आश्रित रहने की जरूरत ही नहीं होगी। वे अपना कोई बिज़नेस कर सकते हैं। अपने नए इनोवेटिव ideas को इम्प्लीमेंट कर सकते हैं।

यह होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह अब सामाजिक समस्या बनकर भी उभर रही है। छोटे-2 खेत बिखरे होने के कारण लोगों में अब फसलों के पहरे से जुड़ी समस्याएं भी उत्तपन्न होने लगी हैं। कुछ ऐसे लोग जिन्होंने कृषि के अलावा अन्य तरह से कमाई के साधन उत्तपन्न किये हैं,, कुछ ऐसे हैं जो जमीनें छोड़कर बाहर चले गए हैं,, कुछ बीमारी के चलते कुछ बुढ़ापे के चलते ,,, जमीनें बीज नहीं पाते। और जाहिर है जब कुछ बीज नहीं रहे तो पहरेदारी भी नहीं करेंगे। ऐसे में इकट्ठा जमीन होने के कारण जो जमीनें बीजते हैं उनमें पहरेदारी का भार बढ़ जाता है। अब इसमें दोनों पक्ष अपनी जगह सही है। लेकिन यह समस्या अब गांव गांव में लड़ाई का मुद्दा बन रही है। लोगों के आपसी रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। मतभेदों को मनभेदों में बदला जा रहा है।

ऐसे में इस मुद्दे पर यदि सरकार गम्भीरता से काम करें तो इससे चुहार घाटी में युवाओं का सरकारी रोजगार पर डिपेंडेंसी खत्म हो जाएगी। टूरिस्ट हिल स्टेशन होने के कारण वे अपना काम शुरू कर पाएंगे। इसके अलावा जमीन एक जगह प्लॉट होने के कारण वे बगीचे,, या अन्य तरह की कैश क्रॉप या काम शुरू कर सकते हैं। जिसमें उन्हें अड़चने नहीं आएगी। यहां के MLA व पंचायत बॉडी को इस बारे सोचकर सरकार से पुरजोर मांग उठाने की जरूरत है। इसमें सभी का भला निहित है। एक ही काम से कई तरह की समस्याएं हल हो सकती है।

जरा सोचकर देखिएगा,, जो बातें मैंने कही हैं क्या वे सही है या नहीं। क्या हमारे युवाओं के आधे सपने इसी बात से खत्म नहीं जो जाते कि उनके पास पर्याप्त जमीन नहीं है। है तो वह बिखरी हुई है जहां वे अपनी मर्जी की न तो फसल बीज सकते हैं न ही कोई अन्य काम कर सकते हैं। ऐसे में यदि कुल जमीनों को 2,3 प्लॉट बनाकर बांटा जाए तो इससे उनमें स्वतंत्रता आएगी,,, अन्यथा न तो किसी गरीब के पास इतना पैसा होता है कि वे पहले जमीन खरीदकर प्लॉट बनाए फिर उस प्लॉट पर आगे कोई काम करें। अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दीजिएगा।

Address

Barot, Mandi
Joginder Nagar
175013

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