
22/05/2025
उत्तराखंड के 2 टूर प्लान बता रहा हूं... कहीं पर नोट करके रख लेना... वैसे तो पूरा उत्तराखंड ही घूमने लायक है और यहां अनगिनत टूर प्लान बन सकते हैं... लेकिन अभी के लिए 2 प्लान ले लो... बाकी की चर्चा बाद में कभी कर लेंगे...
दिल्ली से शुरू करो और पहुंच जाओ सीधे जिम कार्बेट... बढ़िया रिसोर्ट बुक करो और शाम को रिसोर्ट में ही रिलैक्स करो... या आसपास कहीं टहलने निकल जाओ... या कोई बर्डवाचिंग गाइड हायर कर लो और 2-3 घंटे तक बर्डवाचिंग करो...
दूसरे दिन सुबह वाली सफारी कर लो... अब तो कार्बेट में मजा ये है कि मानसून में भी कुछ जोन खुले रहते हैं... अगर कुछ भी ना हो, सफारी अवेलेबल ना हो, कोई जोन भी ना खुला हो, तो सीताबनी की तरफ निकल जाओ... एक-दो रूट और भी हैं, कोई पूछेगा तो बता देंगे... फिर सफारी करने के बाद कौसानी के लिए चल पड़ो... रास्ते में रानीखेत पड़ेगा... थोड़ी देर रुको और आगे कौसानी की तरफ बढ़ जाओ... रानीखेत भी अच्छी जगह है, लेकिन मुझे पर्सनली कौसानी ज्यादा पसंद है... बाद में जब आप और अच्छे घुमक्कड़ बन जाओगे, तो आपको द्वाराहाट और सोमेश्वर वैली को एक्सप्लोर करने को कहूंगा... लेकिन फिलहाल आप कौसानी पहुंचो... दो दिन खत्म हो गए...
तीसरे दिन रुको कौसानी में ही... दो दिन से ट्रैवल कर रहे थे, एकाध दिन रुकना भी चाहिए... हमेशा पॉइंट और स्थान नहीं कवर किए जाते... ठहरना भी होता है... रिलैक्स भी करना होता है... गांव में निकल जाओ, टी गार्डन में निकल जाओ... रुद्रधारी वाटरफाल की तरफ चले जाओ... पिननाथ का ट्रैक कर आओ... ट्रैक नहीं करना, तो बैजनाथ घूम आओ... नहीं तो अपने होटल के लॉन में मस्त बैठकर हिमालय को देखो... एकदम सामने त्रिशूल चोटी दिखती है... शाम को सनसेट के समय त्रिशूल का जो कलर होता है, उसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलनी मुश्किल है...
चौथे दिन कौसानी से कसार देवी चले जाओ... नाम आपको ऐसा ही लग रहा होगा... लेकिन मैं बता रहा हूं ना??... मेरे कहे में चलोगे, फायदे में रहोगे... अल्मोड़ा के पास है कसार देवी... रास्ते में कटारमल का सूर्य मंदिर देख लो... हिस्टोरिकल और बहुत पुराना सूर्य मंदिर है... फिर अल्मोड़ा से होते हुए कसार देवी... अल्मोड़ा से बाल मिठाई लेना मत भूलना... आपके साथ कोई शुगर का मरीज हो, तो उससे बोलना कि नीरज भाई ने कहा था... और बाल मिठाई भी बाल वाली लेनी है... लोग खाली चॉकलेट वाली लेकर खुश हो जाते हैं... कि हमने अल्मोड़े की बाल मिठाई ले ली... अबे, बाल तो हैई नी, तो बाल मिठाई कैसी??...
खैर, कसार देवी पहुंचो... शाम को कसार देवी मंदिर से सनसेट देखो... सनसेट के बाद थोड़ी देर और रुक जाओ, तो अल्मोड़ा शहर की जगमग लाइटें दिखेंगी... आपके मुंह से निकलेगा - वाह नीरज वाह... अगर ऐसा न निकले, तो आपका मुंह है, जबरदस्ती निकलवाओ...
अगले दिन कसार देवी ही रुके रहो... आप कहोगे कि क्या करेंगे पूरे दिन??... वो भी अनजान सी छोटी सी जगह पर... भाई, मैं हूं ना... बता रहा हूं... एकदम फ्री... सुबह गर्म पानी से नहाकर एकदम बाबूजी बनकर गोलू देवता चले जाओ... न्याय के देवता हैं, बड़ी मान्यता है... यहां देवता को चिट्ठी लिखते हैं, घंटी बांधते हैं... यहां पर चाय-पकौड़ी खा लो और फिर आगे जागेश्वर चले जाओ... शिवजी का बड़ा प्राचीन और शानदार मंदिर है... यहां रेस्टोरेंटों में बढ़िया खाना मिलता है, तो लंच भी यहीं पर कर लो...
यहां से वापस चलो और थोड़ा सा डी-टूर लेकर वृद्ध जागेश्वर चले जाओ... फिर वापस कसार देवी अपने होटल में जाकर थोड़ा आराम कर लो... शाम को बिनसर सेंचुरी में चले जाना... घना जंगल है, आपको अच्छा लगेगा... बिनसर में एक जगह गाड़ी आपको उतार देगी... यहां से एक किमी का आसान ट्रैक है... देवदार और बुरांश के जंगलों से होते हुए... यह बर्डवाचिंग के लिए फेमस है... यहां आपको गाइड भी मिल जाएंगे... जंगल में जाने से डर लगता हो या बर्डवाचिंग का शौक हो, तो गाइड कर लेना... आपका भाग्य अच्छा हुआ, तो आपको तेंदुआ, काला भालू और बार्किंग डीयर आदि भी दिख सकते हैं... यहां सनसेट करके वापस अपने होटल आ जाओ...
छठे दिन होटल से चेक-आउट करो और निकल जाओ भीमताल की तरफ... हम नैनीताल की बात नहीं करते, हमेशा भीमताल की बात करते हैं... उत्तराखंड की सबसे बड़ी झील है... नैनीताल से भी बड़ी... तो भीमताल या नौकुचियाताल एरिये में रुक जाओ... बढ़िया होटल और होमस्टे मिलते हैं... जब आप कसार देवी से भीमताल आओगे, तो रास्ते में बाबा नीम करोली जी का मंदिर मिलेगा... कैंची धाम... बाबाजी के दर्शन कर लो... शाम को झील के किनारे टहल लो...
अगले दिन भी यहीं रुको... भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल झीलों को एक्सप्लोर करो... इधर ही पैराग्लाइडिंग भी होती है... झीलों में बोटिंग होती है... और अगर नैनीताल जाने का मन करे, तो ज्यादा दूर नहीं है... चले जाओ... कुल मिलाकर आज का दिन ‘लेक टूर’ के नाम रहेगा...
और अगले दिन उठो और अपना नाश्ता करो और चल दो मुक्तेश्वर की ओर रास्ते में रामगढ़ आएगा वहां पर आप आडू खाओ पहुंच जाओ मुक्तेश्वर मुक्तेश्वर में प्रकृति का आनंद लो सनसेट देखो पर आ जाओ वापस भीमताल
और लास्ट दिन होटल से चेक-आउट करो और अपने घर जाओ... भीमताल से दिल्ली 300 किमी है, 8-10 घंटे लगेंगे... काठगोदाम से फोर-लेन सड़क मिल जाएगी... शाम तक दिल्ली...
यह हमारा यानी TRAVEL INDIA VACATIONS का एक जबरदस्त टूर प्लान है... हर महीने दिल्ली से टूर स्टार्ट होता है... 8 नाइट 9 दिन... अभी हमने इसका ज्यादा प्रचार नहीं किया है, वीडियो भी नहीं बनाई है... दो-चार महीने में जब इस पूरे टूर की वीडियो बनाऊंगा, तो आपके मुंह से निकलेगा - वाह राकेश वाह... अगर न निकले, तो आपका मुंह है, जबरदस्ती निकालना...
यह टूर चूंकि संडे टू संडे 8 दिन का है, तो इसी का एक छोटा पैकेट भी है... सिर्फ 4 रात 5 दिन का... दिल्ली से दिल्ली... इसमें 2 रात भीमताल रुकते हैं और ‘लेक टूर’ करते हैं... और 2 रात उधर कसार देवी रुकते हैं और जागेश्वर, बिनसर की विजिट करते हैं... यह टूर भी हर महीने जाता है... यह भी फेमस नहीं है, लेकिन यह टूर भी एक दिन अच्छा फेमस होगा...
अभी आप इन दोनों टूरों की समीक्षा कर सकते हो... और कमेंट करके अपने आइडिये बता सकते हो... इनमें जंगल भी है, सफारी भी है, हिल स्टेशन भी है, हिमालयन व्यू भी है, वाकिंग भी है, लेक भी है और मंदिर भी हैं...
फोटो कौसानी का है... सामने नीचे गरुड-बैजनाथ घाटी दिख रही है और ऊपर लेफ्ट में त्रिशूल चोटी दिख रही है...