Narsinghgarh Tourist Place

Narsinghgarh Tourist Place Narsinghgarh.com मालवा का कश्मीर नरसिंहगढ़, पहाड़ों के बीच में बसा एक सुंदर शहर

Unknown facts about  :Origins as an Aircraft Engine Manufacturer: BMW was founded in 1916 to build aircraft engines, and...
04/04/2025

Unknown facts about :
Origins as an Aircraft Engine Manufacturer: BMW was founded in 1916 to build aircraft engines, and the blue and white logo symbolizes a spinning propeller in the sky.

The First Car Was the 3/15: Introduced in 1927, the 3/15 was BMW's first car, originally based on the Austin Seven.

BMW Makes Motorcycles: BMW Motorrad, the company's motorcycle division, was founded in 1923, and their iconic models include the BMW R32 and the GS series.

BMW's M Division: The M division produces high-performance models like the M3 and M5, known for their motorsport pedigree.

Pioneering Electric Cars: The BMW i3, launched in 2013, was one of the first mass-produced electric cars with sustainable materials and a carbon-fiber body

Mini and Rolls-Royce Ownership: BMW owns both Mini (acquired in 1994) and Rolls-Royce’s car division (acquired in 1998).

Hydrogen-Powered Cars: The BMW Hydrogen 7, released in 2005, was among the first hydrogen-powered cars to be produced.

These facts showcase BMW's rich heritage and innovation across multiple automotive sectors.

The Ancient 4,500-Year-Old Tunic at the Egyptian Museum.

*शहिद स्मारिका का विधायक मोहन शर्मा जी ने किया अनावरण, करणी सेना की विशाल आमसभा में राजपूत समाज ने किया दादा का भव्य स्व...
25/07/2024

*शहिद स्मारिका का विधायक मोहन शर्मा जी ने किया अनावरण, करणी सेना की विशाल आमसभा में राजपूत समाज ने किया दादा का भव्य स्वागत।*

नरसिंहगढ़ । 24 जुलाई अमर बलिदानी कुंवर सा.चैनसिंहजी की 200वी पुण्यतिथि *"गौरव दिवस"* छत्री चौराहे पर शहिद स्मारिका का अनावरण लोकप्रिय विधायक मोहन शर्मा जी, महंत दीपेंद्र दास जी, नगर पालिका अध्यक्ष कविता लल्ला वर्मा, राजपूत समाज अध्यक्ष ठा.प्रणपल सिंह राजावत ठि.मुवालिया जागीर, जिलाध्यक्ष मदरूप सिंह सोनगरा, पूर्व नगरपालिका अध्यक मंजुलता शिवहरे आदि की उपस्थिति में मोहन दादा ने शहीद पट्टिका के पर्दे हटा कर किया इस अवसर पर राजपूत समाज, करणी सेना व हजारों की संख्या में सर्वसमाज के लोग मौजूद रहें।

*गौर करने वाली बात यह है कि* कुंवरसा. चैनसिंहजी के साथ सीहोर युद्ध में लगभग 200 से ज्यादा विश्वासपात्र साथी व नरसिंहगढ़ रियासत के जागीरदार अंग्रेजो के विरुद्ध आज से 200 वर्ष पहले सन् 1824 में वीरगति को प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 40 के नाम 200 वर्ष पुरानी पुस्तक में है इसे जोधपुर व नरसिंहगढ़ से *कविराज* की पदवी प्राप्त ठा.सा. श्रीबुधसिंहजी ठि.मदौर जागीर द्वारा लिखा गया था। *आज तक इस गौरवमई इतिहास को मुगल मानसिकता के तले दबे व्यक्तियों, इतिहासकारों ओर सरकारों ने दबाया व छुपाया रखा था* जिसे इस बार इतिहास के पन्नों से उजागर किया गया व 200 वीरयोद्धाओं में से लगभग 40 के नाम जो 200 वर्ष पुरानी पुस्तक्त में अंकित है उन सभी सर्वसमाज के वीरयोद्धाओं के नाम *शहीद पट्टीका* पर इस बार *सुनहरे अक्षरों में अंकित किए गए।*
ये है 200 में से 43 नाम नरसिंहगढ़ के गौरव देवतुल्य *महाराज कुंवर सा.श्रीचैनसिंह जी* व महाराज कुंवर के ससुर ठाकुर साहब शिवनाथसिंह जी राजावत झलाई मुवालिया जागीर, ठा.सा. रघुनाथ सिंह जी राजावत ठिकाना मुवालिया जागीर, ठाकुर साहब अखेसिंहजी चंद्रावत ठि.कड़ियाचंद्रावत, रावजी गोपालसिंहजी खींची व 2 अन्य साथी, ठा.सा. केसरसिंहजी उमठ व ठा.सा.कोकसिंहजी उमठ ठि.सोनखेड़ा जागीर, ठा.सा. बख्तावरसिंहजी शक्तावत ठि.नापानेरा , ठा.सा. मौकमसिंहजी शक्तावत, ठा. सा.हमीरसिंहजी शक्तावत, ठा. सा.श्यामसिंहजी शक्तावत ठि.पाडल्यादान, महाराजा बदनसिंहजी उमठ, महाराजा लक्ष्मणसिंहजी उमठ, महाराजा ईशवरसिंहजी उमठ ठिकाना-बैलास, ठा.सा. उम्मेदसिंहजी सोलंकी ठि.बरनावद, ठा.सा. प्यारसिंहजी ठि.बरनावद, ठा.सा. गजसिंहजी सिंदल ठि.सराना, ठा. सा.तंवरसिंहजी ठि.बरखेड़ी, ठा.सा.मोतीसिंहजी उमठ ठि.-बाली, ठा.सा.प्रतापसिंहजी गौड़, ठा. सा.मोहनसिंहजी राठौड ,श्रीमायारामजी बनिया, श्रीसुभानजी जमादार, श्रीरुस्तम बेरो, श्री देवों चोपदार, श्रीचिरमनगिरीजी गोसाई, श्रीपैड़ियो जमादार, श्रीसुखरामदासजी बाबाजी, श्रीलालोजी नायक, श्रीगुमानसिंहजी दईया, श्री बख़्तोजी नाई, उमेदाबाई नर्त्तकी, पठान वजीर खान, हिम्मतखा,बहादुरखा धनोरा जागीर, महाराजा श्रीबख्तावरसिंहजी व महाराजा सौभागसिंहजी उमठ के घराने के 3 भाईबंद सहित लगभग *200 वीरयोद्धा अग्रेजो के खिलाफ सन् 1824 सिहोर युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे।*

राघोगढ़ के राजा धारूसिंहजी खींची के घराने से 2 व जालमसिंहजी राठौर सहित ५० अन्य वीरयोद्धा घायल हुए थे।

ठा.सा.अमर सिंह जी सिंढायच ठिकाना-मदौरा, श्रीबदनजी बक्सी व श्रीकेसरजी आदि को कैद से छुड़ाया गया था।

*_सन् 1818 में किया था अग्रेजों से पहला युद्ध।_*

*बहुत कम लोगो को यह जानकारी है कि कुंवर सा.चैन सिंह जी ने अंग्रेजों से पहले भी युद्ध किए थे इसीलिए वे अग्रेजों के निशाने पर थे* उन्होंने तीज बड़ली व कोटरा एवं सन् 1818 में होलकर-अंग्रेज युद्ध में अंग्रेजों के चंगुल से होलकर की रानियों को मुक्त कराया था जिसमें उनके साथ कुंवर सा के ससुर साहब ठा.सा. शिवनाथ सिंह की राजावत व ठा.सा.रघुनाथ सिंहजी राजावत ठिकाना- मुवालिया जागीर भी थे।

कुछ शहीदों की विस्तृत जानकारी।

*महाराज कुंवर के ससुर ठा.सा. शिवनाथ सिंह जी राजावत ठिकाना-मुवालिया जागीर* आप झलाय राजस्थान से सन 1818 में पधारे थे आपको नरसिंहगढ़ रियासत की ओर से सोनानविस की पदवी, झाली बाग (वर्तमान झाली आश्रम) व मुवालिया जागीर प्रदान की गई थी आप सब सन् 1818 होलकर-अग्रेज युद्ध में कुंवर सा के साथ थे व सन् 1824 सीहोर युद्ध में कुंवरसा के साथ वीरगति को प्राप्त हुए।

*ठाकुर साहब अखेसिंहजी चंद्रावत ठि.कड़ियाचंद्रावत* आपके हाथ में गोली लग गई थी फिर भी वीरतापूर्वक युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए आपको लेकर आपकी वफादार घोड़ी कड़िया चंद्रावत आई व रावले के द्वार पर प्राण त्याग दिए जिसका स्मारक आज भी बना है।

*रावजी गोपालसिंहजी खींची व 2 अन्य शहिद हुए थे।*
*महाराजा दीवान श्रीखुमानसिंह जी खींची* रावजी रतनसिंह जी खींची, रावजी गोपालसिंहजी खींची आप सभी खींची सरदार गढ़गागरोंन राजस्थान से नरसिंहगढ़ पधारे आपको नरसिंहगढ़ रियासत से विजयगढ़ का पाटवी बना कर जागीर प्रदान की गई व राघौगढ़ आदि, मध्यप्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह जी खींची इन्हीं के वंशज है एवं पुत्र जयवर्धनसिंहजी खींची राघौगढ़ से वर्तमान में विधायक है।

*कुंवर सा की धर्मपत्नी कुवरानी सा.राजावत जी ने व्यतीत किया सतीत्वमय जीवन।*
कुंवरसा.के वीरगति होने का समाचार जब कुंवर सा की पत्नी को मिला तब आपने सती होने का संदेश सासुमा एवं ससुरसाहब महाराज सौभागसिंह जी को भिजवाया था तब महाराज ने कहलवाया की हम दोनों अब वृद्ध हो चुके है व हमारा इकलौता पुत्र वीरगति को प्राप्त हो चुका है अब हमारे कुल का कोई वंशज नहीं है इसलिए कुंवरानी सा सती होने का निर्णय राज्यहित में तुरंत त्याग करे। उसी क्षण से कुंवरानी सा राजावत जी ने अन्न ओर थाल(जिसमे छप्पनभोग भोजना परोसा जाता था) त्याग दिए थे व केवल पेड़ो के पत्ते पर फल आहार कर, रक्तबली दे कर जीवन व्यतित किया।
कुंवरानी सा.राजावतजी ने कुँवर सा.चैनसिंहसिंह जी की याद में एक मंदिर भी बनवाया जिसे हम कुंवरानीजी के मंदिर के नाम से जानते है यह परसराम सागर तालाब तीजघाट के पास थावरिया मोहल्ले में स्थित है।
इस *मंदिर की खासियत यह है की इन प्रतिमाओ में भगवान का स्वरुप मुछों में है* अर्थात कुंवरानीसा.राजावतजी भगवान की इन मुछों वाली प्रतिमाओ में कुँवर सा. चैनसिंह सिंह जी का प्रतिबिम्ब देखकर उसी रूप में उनकी आराधना करते थे।

*विधायक मोहन शर्मा जी का राजपूत समाज ने किया भव्य स्वागत। 🙏🏻*
करणी सेना परिवार ने एक विशाल आमसभा का आयोजन *श्रीराजपूत सभाभवन* में 24 जुलाई को सुबह 10:30 बजे किया जिसकी शुरुआत कुंवरसा के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित एवं श्रद्धासुमन अर्पित कर किया।
आमसभा में लोकप्रिय विधायक मोहन शर्माजी का भव्य स्वागत हारमाल व गुलदस्ता भेंट कर किया गया इसके बाद मोहन शर्मा जी ने अपना उद्बोधन दिया। *आमसभा में सन 1824 सीहोर में वीरगति को प्राप्त हुए योद्धाओं के वंशजों का पहली बार हारमाला पहनाकर सम्मान किया गया।*
इस विशाल आमसभा में करणी सेना के अध्यक्ष ठाकुर जीवन सिंह शेरपुर पधार रहे थे किंतु उन पर 3 दिन पुरानी एक FIR में आयोजन के ठीक एक दिन पहले 23 जुलाई को नाम जुड़वा कर झूठी FIR की गई जिसके कारण वे नहीं आ सके। इसका खेद व्यक्त किया व झूठी FIR वापस नहीं की तो आंदोलन की चेतनवी दी गई। दूर दूर से पधारे हजारों करणी सेनिको व वरिष्ठ राजपूत सरदारों का आभार तहसील अध्यक्ष सुरेंद्रसिंह चंद्रावत ने व्यक्त किया। इसके उपरांत सभी गार्ड ऑफ ऑनर में सम्मिलित होने के लिए छार बाग स्थित समाधि स्थल पहुंचे वह जुलूस में भाग दिया।

(उपरोक्त नाम व List व जानकारी जोधपुर के महान इतिहासकार व नरसिंहगढ़ रियासत से *कविराज* की पदवी प्राप्त ठा.सा.*श्रीबुधसिंहजीकृत* ठि.मदौर जागीर रचित "महाराज कुंवरश्रीचैनसिंहजीरीवार्ता" से उद्धृत है।)
संकलनकर्ता
कु.मयंक प्रताप सिंह मुवालिया जागीर 7999778990

*_200 अमर बलिदानियों के 200 वर्ष_*  सन् 1824 के सभी दोसो वीरयोद्धाओं को शत शत नमन 🙏*_सन्-1857 की क्रांति से 33 वर्ष पूर्...
23/07/2024

*_200 अमर बलिदानियों के 200 वर्ष_* सन् 1824 के सभी दोसो वीरयोद्धाओं को शत शत नमन 🙏

*_सन्-1857 की क्रांति से 33 वर्ष पूर्व सन्-1824 को_* सीहोर में युद्ध कर वीरगति को प्राप्त करने वाले नरसिंहगढ़स्टेट के २०० दौ सो में से 43 बलदानियों के नाम *श्रीबुधसिंहजीकृत* से।

देवतुल्य हमारे श्रद्धेय, मालवा माटी के अमर शहीद,पूज्यनीय, अमर बलिदानी, वीरयोद्धा
* *महाराज कुंवर सा.श्रीचैनसिंह जी* नरसिंहगढ़ स्टेट।

* *महाराज कुंवर के ससुर* ठाकुर साहब *शिवनाथसिंह जी राजावत* *ठिकाना-मुवालिया जागीर* (झलाई राजस्थान)
* ठाकुर साहब *रघुनाथ सिंह जी राजावत* ठि.मुवालिया जागीर

* ठाकुर साहब *अखेसिंह जी चंद्रावत* *ठिकाना-कड़ियाचंद्रावत*

* रावजी *गोपालसिंहजी खींची व 2 अन्य ठि.विजयगढ़* जागीर (गढ़गागरोंन राजस्थान)

* ठाकुर साहब *केसरसिंहजी उमठ ठिकाना-सोनखेड़ा* जागीर

* ठाकुर साहब *कोकसिंहजी उमठ ठिकाना-सोनखेड़ा* जागीर

* ठाकुर साहब *बख्तावरसिंहजी शक्तावत ठिकाना-नापानेरा* जागीर

* ठाकुर साहब *मौकमसिंहजी शक्तावत ठिकाना-पाड़लियादान* जागीर

* ठाकुर साहब *हमीरसिंहजी शक्तावत ठि.पड़लियादान*

* ठाकुर साहब *श्यामसिंहजी शक्तावत ठि.पाडल्यादान*

* महाराजा *बदनसिंहजी उमठ ठिकाना-बैलास*

* महाराजा *लक्ष्मणसिंहजी उमठ ठिकाना-बैलास*

* महाराजा *ईशवरसिंहजी उमठ ठिकाना-बैलास*

* ठाकुर साहब *उम्मेदसिंहजी सोलंकी ठिकाना-बरनावद*

* ठाकुर साहब *प्यारसिंहजी ठिकाना-बरनावद*

* ठाकुर साहब *गजसिंह सिंदल जी ठिकाना-सराना*

* *ठाकुर साहब तंवरसिंहजी ठिकाना-बरखेड़ी*

* ठाकुर साहब *मोतीसिंहजी उमठ ठिकाना-बाली*

* ठाकुर साहब *प्रतापसिंहजी गौड़*

* ठाकुर साहब *मोहनसिंहजी राठौड़*

* श्री *मायारामजी बनिया*

* श्री *सुभानजी जमादार*

* श्री *रुस्तम बेरो*

* श्री *देवों चोपदार*

* श्री *चिरमनगिरीजी गोसाई*

* श्री *पैड़ियो जमादार*

* श्री *सुखरामदासजी बाबाजी*

* श्री *लालोजी नायक*

* श्री *गुमानसिंहजी दईया*

* श्री *बख़्तोजी नाई*

* *उमेदाबाई* नर्त्तकी

* *पठान वजीर खान*

* *हिम्मतखा* धनोरा जागीर

* *बहादुरखा* धनोरा जागीर

* महाराजा *श्रीबख्तावरसिंहजी* व महाराजा *सौभागसिंहजी* उमठ के घराने के 3 भाईबंद सहित दोसौ 200 वीरयोद्धा सन १८२४ में अग्रेजो के विरुद्ध सिहोरे युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। (सिर्फ नरसिंहगढ़ रियासत के)

* *राघोगढ़ के राजा धारूसिंह जी खींची* के घराने से २ व जालम सिंह राठौर सहित ५० अन्य वीरयोद्धा घायल हुए थे।

* ठाकुर साहब *अमर सिंह जी सिंढायच ठिकाना-मदौरा,* श्रीबदनजी बक्सी व श्रीकेसरजी आदि को कैद से छुड़ाया गया था।

( उपरोक्त नाम व List जोधपुर के महान इतिहासकार व नरसिंहगढ़ रियासत से *कविराज* की पदवी प्राप्त ठा.सा.*श्रीबुधसिंहजीकृत* ठि.मदौर जागीर रचित "महाराज कुंवरश्रीचैनसिंहजीरीवार्ता" से उद्धृत है।)

साभार : कविराज ठा.सा.बुधसिंहजी ठिकाना मंदौर जागीर कृत पुस्तक व karnisena.com एवं Narsinghgarh.com

*कुवरानी सा. राजावत जी का मंदिर*
कुंवर सा.चैनसिंहजी की धर्मपत्नी कुंवरानी सा.राजावतजी ने कुँवर सा.चैनसिंहसिंह जी की याद में एक मंदिर भी बनवाया जिसे हम कुंवरानीजी के मंदिर के नाम से जानते है यह परसराम सागर तालाब तीज घाट के पास थावरिया मोहल्ले में स्थित है।
इस *मंदिर की खासियत यह है की इन प्रतिमाओ में भगवान का स्वरुप मुछों में है* अर्थात कुंवरानीसा.राजावतजी भगवान की इन मुछों वाली प्रतिमाओ में कुँवर सा. चैनसिंह सिंह जी का प्रतिबिम्ब देखकर उसी रूप में उनकी आराधना करते थे आपको जब कुंवर साब के वीरगति होने का समाचार मिला उसी क्षण से आपने अन्न ओर थाल त्याग दिए थे केवल पेड़ो के पत्ते पर फल आहार कर जीवन व्यतित किया।

कहते है
*_कहां है अकबर के बूते?❓ महाराणा तो हर चौराहे पर नजर आते है_* इतिहास और वर्तमान उन्हीं का कीर्तिमान व उज्जवल होता है जो *देश,धर्म व मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देते है* इसलिए महाराणा के वंशज वर्तमान में उदयुपर मेवाड़ में कीर्तिमान है व इसी प्रकार सीहोर युद्ध के अमर बलिदानीयो के वर्तमान वंशज 200 वर्षों बाद भी कीर्तिमान है।

🧑‍🧑‍🧒‍🧒 *_वंशजों का इतिहास और वर्तमान परिदृश्य_*
👉🏻 सीहोर युद्ध में वीरगति को प्राप्त 200 में से कुछ योद्धाओं के वंशजों के सन् 1824 के इतिहास व 2024 वर्तमान परिदृश्य पर एक नजर...👁️

👉🏻 *महाराज कुंवर साहब चैन सिंह जी के वंशज* वर्तमान में नरसिंहगढ़, भोपाल व इंदौर में निवासरत हैं व स्वर्गीय महाराज सा.भानुप्रकाश सिंह जी इंदिरा गांधी के समय देश के मंत्री व गोवा के राज्यपाल रहे। आपके पुत्र महाराज राज्यवर्धन सिंह जी नरसिंहगढ़ से विधायक रह चुके है एवं वर्तमान में भानु निवास पैलेस पर निवास करते है।

👉 *रावजी गोपालसिंहजी खींची (गढगागरोंन) ठि.विजयगढ़ के वंशज*
महाराजा दीवान *श्रीखुमानसिंह जी खींची* रावजी रतनसिंह जी खींची, रावजी गोपालसिंहजी खींची आप सभी खींची सरदार गढ़गागरोंन राजस्थान से नरसिंहगढ़ पधारे आपको नरसिंहगढ़ रियासत से विजयगढ़ का पाटवी बना कर जागीर प्रदान की गई व राघौगढ़ आदि, मध्यप्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी खींची इन्हीं के वंशज है एवं पुत्र जयवर्धन सिंह जी खींची राघौगढ़ से वर्तमान में विधायक है।

👉🏻 *ठा.सा.शिवनाथ सिंह जी राजावत (झलाय) ठि.मुवालिया के वंशज*
आप *महाराज कुंवर सा.चैनसिंह जी के ससुरसाब थे* आप झिलाय राजस्थान से पधारे थे व *ठिकाना-मुवालिया जागीर के प्रथम जागीरदार थे* आपको नरसिंहगढ़ रियासत से १८१८ बरोडी व सन १८२० में *मुवालिया जागीर, झाली बाग* (वर्तमान में नगर के मध्य स्थित झाली आश्रम) व *सोनानविश ठिकानेदार की पदवी* प्रदान की गई थी आप महाराज कुंवर सा. के साथ *नरसिंहगढ़ रियासत की ओर से लड़ते हुए* सीहोर में सन् १८२४ के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे व सन १८१८ सीतामऊ *होलकर-अंग्रेज* युद्ध में भी महाराज कुंवर सा.चैनसिंहजी के साथ लड़े थे इसका रिकॉर्ड सीतामऊ, जावरा,महिदपुर व मंदसौर के गजेडियर नोटिफिकेशन में भी दर्ज है व कई पुरानी किताबो में भी इनका उल्लेख है।

👉🏼 *ठाकुर साहब अखेसिंहजी चंद्रावत के वंशज* :-
आप भी राजस्थान से गिनदौरा पधारे थे व बाद में आपको नरसिंहगढ़ स्टेट से ठिकाना- कड़ियाचंद्रावत जागीर प्रदान की गई व वंशज वर्तमान में यही निवासरत है।
सन १८२४ सीहोर में युद्ध के दौरान आपके हाथ में गोली लग गई थी फिर भी आप वीरतापूर्वक युद्ध करते रहे व वीरगति को प्राप्त हुए आपको लेकर आपकी घोड़ी ठिकाना-कड़ियाचंद्रावत पहुंची व रावले के द्वार पर अपने प्राण त्याग दिए थे आपकी *वफादार घोड़ी का स्मारक वर्तमान में रावले के द्वार पर बना हुआ है।*

👉🏿 *ठा.सा.अमर सिंह जी सिंढायच ठि.मदौरा जागीर के वंशज*
ठाकुर साहब अमर सिंह जी सिंढायच जिन्हें कैद से छुड़वाया गया था व कविराज ठाकुर साहब श्री बुध सिंह जी के वंशज वर्तमान में ठिकाना मदौर व जोधपुर में निवास करते हैं।

👉🏻 *ठा.सा.केसरसिंहजी ठा. सा.कोकसिंहजी के वंशज*
ठाकुर साहब केसरसिंहजी उमठ व ठाकुर साहब कोकसिंहजी उमठ के वंशज ठिकाना-सोनखेड़ा जागीर में निवास करते है।

👉🏻 *ठा.सा.मौकमसिंहजी, ठा.सा. हमीरसिंहजी व ठा.सा. श्यामसिंह जी शक्तावत के वंशज* वर्तमान में ठि.पाडल्यादान में निवास करते है।

👉🏿 *हिम्मत खा बहादुर खा धनौरा जागीर के वंशज वर्तमान में धनोरा में निवास करते है।*

व अन्य ओर भी है जिनके वंशज निवासरत है बारे में यह लिखना संभव नहीं है एक किताब में ही ये समाहित हो सकता है।

इस युद्ध की तैयारी कुँवर सा.चैनसिंह जी ने पहले ही कर ली थी उन्होंने अपने सभी विश्वासपात्र ठिकानेदार , जागीरदार और साथियो को अपने प्राणो की आहुति देने को तैयार रहने को कहा जो वीर है वे ही साथ चलें जिनके वंशज नहीं थे उन्हें बिच में ही वापस लौटने को कहा जिसके कारण बहुत से ठिकानेदार बिच से ही लोट आये इसलिए हम उन्हें गलत नहीं ठहरा सकते क्योंकि वे कुंवर सा के आदेश का पालन करते हुए वापस आए थे।

क्षत्रियधर्म *विजय या वीरगति*
कुंवर सा. को अच्छी तरह आभास था की अगर युद्ध हुआ तो हम सब वीरगति को प्राप्त होने वाले है उस समय अंग्रेजों के एक छोटे से कैंप पर जा कर विद्रोह करने की भी कोई सपने में भी नही सोचता था जबकि सैन्यअड्डा या *मिलिट्री हेडक्वार्टर* पर जाकर विद्रोह करना ऐसा साहस भला कोन कर सकता था? *ऐसा आपार साहस सिर्फ कुंवर सा.चैनसिंह जी में ही था।*

*-----भारत सरकार ने माना शहीद-----*

भारत सरकार ने नरसिंहगढ़ एवं सीहोर दोनों स्थानों पर कुँवर चैन सिंह जी के स्मारक को संरक्षित करवाया।

कुंवर सा.चैनसिंह जी के वंशज महाराज राज्यवर्धन सिंह जी नरसिंहगढ़ स्टेट पूर्व संसदीय सचिव मध्यप्रदेश शासन के प्रयासों से 1987 दिल्ली में देश के शहीदों में नाम जुड़वाया गया था

भारत सरकार द्वारा कुँवर चैन सिंह जी को 8-अगस्त-1987 को *शहीदो की माटी संग्रह कार्यक्रम* में सम्मलित किया था।

सभी वीरो की माटी को दिल्ली शहीद स्मारक ले जाकर *राष्ट्रीय शहीद घोषित किया गया।*

कुँवर सा.चैनसिंहजी से जुड़े इतिहास को कक्षा १०वी के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया था। (पश्चिम बंगाल के स्कूलो में आज भी पढ़ाया जाता है)

*_" गार्ड ऑफ़ ऑनर "_*
मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2015 से सीहोर स्थित कुंवर चैन सिंह की छतरी पर गार्ड ऑफ ऑनर प्रारम्भ किया।
प्रत्येक वर्ष २४ जुलाई को सरकार की और से कुँवर सा.चैनसिंहजी को गार्ड ऑफ़ ऑनर की सलामी सीहोर में सुबह 9:00 बजे व नरसिंहगढ़ में दोपहर 1:00 बजे उनकी समाधी छत्री पर दी जाती है।

*। । देव रूप में होती है पूजा । ।*

अमर बलिदानी कुँवर सा.चैन सिंह जी को नरसिंहगढ़ व आस -पास के ग्रामीण क्षेत्र में देव तुल्य मान कर उनकी पूजा अर्चना करते है व शुभ कार्यो जैसे विवाह , जन्म आदि में उनके *लोक गीत गाते है* उनकी गादी लगाई जाती है व छत्री समाधि पर प्रतिदिन सुबह श्याम पूजा आरती होती है।

*_शहीदों की चिताओ ऊपर लगेंगे हर बरस मेले।_*
*_वतन पर मिटने वालों का यही बाकी नींसा होगा।।_*

यह शायरी पढ़ने और बोलने से मैले नहीं लगेंगे? हमें और आपको उनकी पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में एकत्रित होना पड़ेगा तब मेले लगेगे तो इन बार अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज करें।

आप सब से अनुरोध निवेदन है कि इस बार आप सभी अपने क्षेत्र,आपने गांव से इस *200वे बलिदान दिवस पर 200 वीर योद्धाओं* को 24 जुलाई नरसिंहगढ़ छारबाग स्थित महाराज कुंवरसा. की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने अवश्य पधारे 🙏🏻
धन्यवाद 🙏🏻

22/07/2024
*200 वर्ष  200 वीर योद्धा* पधारो 24 जुलाई नरसिंहगढ़।*सन् 1857 की क्रांति से 33 वर्ष पूर्व सन 1824 में* अंग्रेजों के विरु...
22/07/2024

*200 वर्ष 200 वीर योद्धा*
पधारो 24 जुलाई नरसिंहगढ़।

*सन् 1857 की क्रांति से 33 वर्ष पूर्व सन 1824 में* अंग्रेजों के विरुद्ध सीहोर में युद्ध कर वीरगति को प्राप्त करने वाले देवतुल्य *महाराज कुंवर सा.चैनसिंहजी* नरसिंहगढ़ की
*200वी पुण्यतिथि पर आपके साथी 200 वीरयोद्धाओं* को श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु अधिक से अधिक संख्या में पधार कर अमर बलिदानीयो को श्रद्धासुमन अर्पित करे।

धन्यवाद। 🙏🏻
*करणी सेना परिवार नरसिंहगढ़*

18/07/2024

पधारो 24-जुलाई नरसिंहगढ़

आस-पास के सभी क्षेत्र से, सभी ठिकानों से, गांव गांव से, अमर बलिदानी देवतुल्य #कुंवरसा #चैनसिंहजी के 200वे बलिदान दिवस पर अपनी उपस्थिति इसबार अवश्य दर्ज करें।

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले।
वतन पे मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।।

सन् १८२४ सीहोर युद्ध के सभी 43-रणबाकुरों, वीर योद्धाओं को श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु इसबार समय नीकाल कर जरूर पधारे। धन्यवाद 🙏🏻

मां भारती के सपूत वीर शहीदों शत शत नमन
14/02/2024

मां भारती के सपूत वीर शहीदों शत शत नमन

08/02/2024

नरसिंहगढ़ के मध्य झाली आश्रम में प्लॉट मात्र 8.5 लाख में। कैनरा बैंक व मार्केट कुछ ही दूरी पर। लेने के इच्छुक सक्षम व्यक्ति ही संपर्क करें फालतू में इंक्वायरी ना करे। धन्यवाद
Call or WhatsApp +917999778990

एक छोटा प्लॉट लगभग 625Sqft. छोटी फैमिली और CAR पार्किंग के लिए नगर के मध्य सबसे सुरक्षित स्थान।
झाली आश्रम में प्लॉट लेने का अंतिम अवसर।





Narsinghgarh.com मालवा का कश्मीर नरसिंहगढ़, पहाड़ों के बीच में बसा एक सुंदर शहर

Address

JHALI BAG ASHRAM, PHOOL BAG NARSINGHGARH, Dist./RAJGARH BIAORA
Narsinghgarh
465669

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Narsinghgarh Tourist Place posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Narsinghgarh Tourist Place:

Share