25/07/2024
*शहिद स्मारिका का विधायक मोहन शर्मा जी ने किया अनावरण, करणी सेना की विशाल आमसभा में राजपूत समाज ने किया दादा का भव्य स्वागत।*
नरसिंहगढ़ । 24 जुलाई अमर बलिदानी कुंवर सा.चैनसिंहजी की 200वी पुण्यतिथि *"गौरव दिवस"* छत्री चौराहे पर शहिद स्मारिका का अनावरण लोकप्रिय विधायक मोहन शर्मा जी, महंत दीपेंद्र दास जी, नगर पालिका अध्यक्ष कविता लल्ला वर्मा, राजपूत समाज अध्यक्ष ठा.प्रणपल सिंह राजावत ठि.मुवालिया जागीर, जिलाध्यक्ष मदरूप सिंह सोनगरा, पूर्व नगरपालिका अध्यक मंजुलता शिवहरे आदि की उपस्थिति में मोहन दादा ने शहीद पट्टिका के पर्दे हटा कर किया इस अवसर पर राजपूत समाज, करणी सेना व हजारों की संख्या में सर्वसमाज के लोग मौजूद रहें।
*गौर करने वाली बात यह है कि* कुंवरसा. चैनसिंहजी के साथ सीहोर युद्ध में लगभग 200 से ज्यादा विश्वासपात्र साथी व नरसिंहगढ़ रियासत के जागीरदार अंग्रेजो के विरुद्ध आज से 200 वर्ष पहले सन् 1824 में वीरगति को प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 40 के नाम 200 वर्ष पुरानी पुस्तक में है इसे जोधपुर व नरसिंहगढ़ से *कविराज* की पदवी प्राप्त ठा.सा. श्रीबुधसिंहजी ठि.मदौर जागीर द्वारा लिखा गया था। *आज तक इस गौरवमई इतिहास को मुगल मानसिकता के तले दबे व्यक्तियों, इतिहासकारों ओर सरकारों ने दबाया व छुपाया रखा था* जिसे इस बार इतिहास के पन्नों से उजागर किया गया व 200 वीरयोद्धाओं में से लगभग 40 के नाम जो 200 वर्ष पुरानी पुस्तक्त में अंकित है उन सभी सर्वसमाज के वीरयोद्धाओं के नाम *शहीद पट्टीका* पर इस बार *सुनहरे अक्षरों में अंकित किए गए।*
ये है 200 में से 43 नाम नरसिंहगढ़ के गौरव देवतुल्य *महाराज कुंवर सा.श्रीचैनसिंह जी* व महाराज कुंवर के ससुर ठाकुर साहब शिवनाथसिंह जी राजावत झलाई मुवालिया जागीर, ठा.सा. रघुनाथ सिंह जी राजावत ठिकाना मुवालिया जागीर, ठाकुर साहब अखेसिंहजी चंद्रावत ठि.कड़ियाचंद्रावत, रावजी गोपालसिंहजी खींची व 2 अन्य साथी, ठा.सा. केसरसिंहजी उमठ व ठा.सा.कोकसिंहजी उमठ ठि.सोनखेड़ा जागीर, ठा.सा. बख्तावरसिंहजी शक्तावत ठि.नापानेरा , ठा.सा. मौकमसिंहजी शक्तावत, ठा. सा.हमीरसिंहजी शक्तावत, ठा. सा.श्यामसिंहजी शक्तावत ठि.पाडल्यादान, महाराजा बदनसिंहजी उमठ, महाराजा लक्ष्मणसिंहजी उमठ, महाराजा ईशवरसिंहजी उमठ ठिकाना-बैलास, ठा.सा. उम्मेदसिंहजी सोलंकी ठि.बरनावद, ठा.सा. प्यारसिंहजी ठि.बरनावद, ठा.सा. गजसिंहजी सिंदल ठि.सराना, ठा. सा.तंवरसिंहजी ठि.बरखेड़ी, ठा.सा.मोतीसिंहजी उमठ ठि.-बाली, ठा.सा.प्रतापसिंहजी गौड़, ठा. सा.मोहनसिंहजी राठौड ,श्रीमायारामजी बनिया, श्रीसुभानजी जमादार, श्रीरुस्तम बेरो, श्री देवों चोपदार, श्रीचिरमनगिरीजी गोसाई, श्रीपैड़ियो जमादार, श्रीसुखरामदासजी बाबाजी, श्रीलालोजी नायक, श्रीगुमानसिंहजी दईया, श्री बख़्तोजी नाई, उमेदाबाई नर्त्तकी, पठान वजीर खान, हिम्मतखा,बहादुरखा धनोरा जागीर, महाराजा श्रीबख्तावरसिंहजी व महाराजा सौभागसिंहजी उमठ के घराने के 3 भाईबंद सहित लगभग *200 वीरयोद्धा अग्रेजो के खिलाफ सन् 1824 सिहोर युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे।*
राघोगढ़ के राजा धारूसिंहजी खींची के घराने से 2 व जालमसिंहजी राठौर सहित ५० अन्य वीरयोद्धा घायल हुए थे।
ठा.सा.अमर सिंह जी सिंढायच ठिकाना-मदौरा, श्रीबदनजी बक्सी व श्रीकेसरजी आदि को कैद से छुड़ाया गया था।
*_सन् 1818 में किया था अग्रेजों से पहला युद्ध।_*
*बहुत कम लोगो को यह जानकारी है कि कुंवर सा.चैन सिंह जी ने अंग्रेजों से पहले भी युद्ध किए थे इसीलिए वे अग्रेजों के निशाने पर थे* उन्होंने तीज बड़ली व कोटरा एवं सन् 1818 में होलकर-अंग्रेज युद्ध में अंग्रेजों के चंगुल से होलकर की रानियों को मुक्त कराया था जिसमें उनके साथ कुंवर सा के ससुर साहब ठा.सा. शिवनाथ सिंह की राजावत व ठा.सा.रघुनाथ सिंहजी राजावत ठिकाना- मुवालिया जागीर भी थे।
कुछ शहीदों की विस्तृत जानकारी।
*महाराज कुंवर के ससुर ठा.सा. शिवनाथ सिंह जी राजावत ठिकाना-मुवालिया जागीर* आप झलाय राजस्थान से सन 1818 में पधारे थे आपको नरसिंहगढ़ रियासत की ओर से सोनानविस की पदवी, झाली बाग (वर्तमान झाली आश्रम) व मुवालिया जागीर प्रदान की गई थी आप सब सन् 1818 होलकर-अग्रेज युद्ध में कुंवर सा के साथ थे व सन् 1824 सीहोर युद्ध में कुंवरसा के साथ वीरगति को प्राप्त हुए।
*ठाकुर साहब अखेसिंहजी चंद्रावत ठि.कड़ियाचंद्रावत* आपके हाथ में गोली लग गई थी फिर भी वीरतापूर्वक युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए आपको लेकर आपकी वफादार घोड़ी कड़िया चंद्रावत आई व रावले के द्वार पर प्राण त्याग दिए जिसका स्मारक आज भी बना है।
*रावजी गोपालसिंहजी खींची व 2 अन्य शहिद हुए थे।*
*महाराजा दीवान श्रीखुमानसिंह जी खींची* रावजी रतनसिंह जी खींची, रावजी गोपालसिंहजी खींची आप सभी खींची सरदार गढ़गागरोंन राजस्थान से नरसिंहगढ़ पधारे आपको नरसिंहगढ़ रियासत से विजयगढ़ का पाटवी बना कर जागीर प्रदान की गई व राघौगढ़ आदि, मध्यप्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह जी खींची इन्हीं के वंशज है एवं पुत्र जयवर्धनसिंहजी खींची राघौगढ़ से वर्तमान में विधायक है।
*कुंवर सा की धर्मपत्नी कुवरानी सा.राजावत जी ने व्यतीत किया सतीत्वमय जीवन।*
कुंवरसा.के वीरगति होने का समाचार जब कुंवर सा की पत्नी को मिला तब आपने सती होने का संदेश सासुमा एवं ससुरसाहब महाराज सौभागसिंह जी को भिजवाया था तब महाराज ने कहलवाया की हम दोनों अब वृद्ध हो चुके है व हमारा इकलौता पुत्र वीरगति को प्राप्त हो चुका है अब हमारे कुल का कोई वंशज नहीं है इसलिए कुंवरानी सा सती होने का निर्णय राज्यहित में तुरंत त्याग करे। उसी क्षण से कुंवरानी सा राजावत जी ने अन्न ओर थाल(जिसमे छप्पनभोग भोजना परोसा जाता था) त्याग दिए थे व केवल पेड़ो के पत्ते पर फल आहार कर, रक्तबली दे कर जीवन व्यतित किया।
कुंवरानी सा.राजावतजी ने कुँवर सा.चैनसिंहसिंह जी की याद में एक मंदिर भी बनवाया जिसे हम कुंवरानीजी के मंदिर के नाम से जानते है यह परसराम सागर तालाब तीजघाट के पास थावरिया मोहल्ले में स्थित है।
इस *मंदिर की खासियत यह है की इन प्रतिमाओ में भगवान का स्वरुप मुछों में है* अर्थात कुंवरानीसा.राजावतजी भगवान की इन मुछों वाली प्रतिमाओ में कुँवर सा. चैनसिंह सिंह जी का प्रतिबिम्ब देखकर उसी रूप में उनकी आराधना करते थे।
*विधायक मोहन शर्मा जी का राजपूत समाज ने किया भव्य स्वागत। 🙏🏻*
करणी सेना परिवार ने एक विशाल आमसभा का आयोजन *श्रीराजपूत सभाभवन* में 24 जुलाई को सुबह 10:30 बजे किया जिसकी शुरुआत कुंवरसा के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित एवं श्रद्धासुमन अर्पित कर किया।
आमसभा में लोकप्रिय विधायक मोहन शर्माजी का भव्य स्वागत हारमाल व गुलदस्ता भेंट कर किया गया इसके बाद मोहन शर्मा जी ने अपना उद्बोधन दिया। *आमसभा में सन 1824 सीहोर में वीरगति को प्राप्त हुए योद्धाओं के वंशजों का पहली बार हारमाला पहनाकर सम्मान किया गया।*
इस विशाल आमसभा में करणी सेना के अध्यक्ष ठाकुर जीवन सिंह शेरपुर पधार रहे थे किंतु उन पर 3 दिन पुरानी एक FIR में आयोजन के ठीक एक दिन पहले 23 जुलाई को नाम जुड़वा कर झूठी FIR की गई जिसके कारण वे नहीं आ सके। इसका खेद व्यक्त किया व झूठी FIR वापस नहीं की तो आंदोलन की चेतनवी दी गई। दूर दूर से पधारे हजारों करणी सेनिको व वरिष्ठ राजपूत सरदारों का आभार तहसील अध्यक्ष सुरेंद्रसिंह चंद्रावत ने व्यक्त किया। इसके उपरांत सभी गार्ड ऑफ ऑनर में सम्मिलित होने के लिए छार बाग स्थित समाधि स्थल पहुंचे वह जुलूस में भाग दिया।
(उपरोक्त नाम व List व जानकारी जोधपुर के महान इतिहासकार व नरसिंहगढ़ रियासत से *कविराज* की पदवी प्राप्त ठा.सा.*श्रीबुधसिंहजीकृत* ठि.मदौर जागीर रचित "महाराज कुंवरश्रीचैनसिंहजीरीवार्ता" से उद्धृत है।)
संकलनकर्ता
कु.मयंक प्रताप सिंह मुवालिया जागीर 7999778990