26/08/2024
मैं राजस्थान की प्रसिद्ध लुणी नदी बोल रहीं हूँ ।
अजमेर के नाग पहाड़ी से निकल कर फॉयसागर से आनासागर में आतीं हूँ । अजमेर का हृदय स्थल आनासागर को तर-बतर कर छोटे मोटे गॉवो के पास से निकल कर मैं गोविंद गढ़ के बाँध को भर देती हूँ ।
अजमेर से गोविन्द गढ़ बाँध तक के सभी किसानों के कुओं में पानी भर देतीं हूँ,वहाँ के किसान सर्दी मौसम में सब्ज़ी व अनाज का उत्पादन लेकर मालामाल कर देतीं हूँ ।
मैं गोविन्द गढ़ बाँध से निकल कर आलनियावास,रिंया,झिटियॉ,रोहिसा,मेंड़ास,लाडवा,जसनगर,कांवलियां,कालु,बलुन्दा होते हुए लौटोती के पास में बांझाकूड़ी से आने वाली मेरी दूसरी शाखा मेरे में विलीन हो जाती हैं ।
मैं यहाँ से बहकर पिचयाक गॉव के जसवंत सागर को तर-बतर कर जोधपुर ज़िले के कई गाँव के मुहाने पर चलकर मेरे नाम से बसे लुणी शहर के पास से निकलती हूँ,यहाँ मेरी तीसरी शाखा सरदार समंद बाँध तर कर मेरे में विलय हो जाती हैं ।
9 नदियाँ 99 नाले मेरी शाखा हैं,मैं राजस्थान के कई गॉवो में से निकल कर कछ की खाड़ी में समा जाती हूँ ।
मैं इस मरूँ प्रदेश को हरा-भरा रखतीं हूँ,प्यासे मारवाड़ की प्यास बूझाती हूँ,कुओं में भरपूर पानी देकर किसानों की सेवा करती हूँ तथा अजमेर,पाली की पहाड़ियों पर चलने से पत्थरों को तोड़कर बजरी बना कर पुरे प्रदेश तक लातीं हूँ ।
पिछले 40 वर्षों से मैं रो रही हूँ,मेरे क्षेत्रों में लोग अतिक्रमण कर मेरा रास्ता रोक रहे हैं,बबूल ज़रूरतों ज़्यादा हैं उसके काँटे मुझे चुभ रहे हैं । मेरे रास्ते में राजनैतिक लोग ज़रूरत से ज़्यादा ऊँचाई के बाँध बनाकर मुझे पुरे प्रदेश की सेवा करने में बाधक बन रहे हैं ।
सबसे ज़्यादा रोना तब आया की सरकार ने मेरे कलेजा काटने के लिए बजरी ठेकेदार को मुझे ठेके पर दे दिया ।ठेकेदारों ने मेरे पुरे कलेजे को अवैध रूप से खोदकर ,कहीं कहीं तो 80 फुट मेरे सिने का काट खाया ।
मैं पिछले एक माह से अजमेर से चली हूँ,जगह जगह बजरी ठेकेदारों के पाप को भर कर आगे बढ़ रही हूँ ।
मेरी मुख्य धारा के पास खातेदारी ज़मीन के मालिकों ने भी अपनी बजरी निकाल कर खा गए,वहीं लोग रात्रि काल में JCB की सहायता से मेरा रास्ता रोककर अपने खैत के खड्डों को भरने के लिए मेरा रास्ता मोड़ रहे हैं,उन खड्डों में पानी के साथ नयी बजरी भी आयेंगी । फिर अवैध बजरी खनन कर मेरी छलनी करेंगे ।
मैं पुरे प्रदेश को खुशहाल देखना चाहतीं हैं,लेकिन पिछले सप्ताह भर से जसनगर गॉव में अटकीं हूँ ।
कालु गॉव वाले मेरा इन्तज़ार कर रहे हैं,जबकि मेरी दूसरी शाखा बांझाकुड़ी वाली नदी लौटोती में मेरा इन्तज़ार कर रहीं हैं ।
मारवाड़ के लोग मेरे आगमन पर बहुत खुश होते हुए मेरी पुजा भी करते हैं ।
मेरी छलनी कर अरबों रूपये अवैध बजरी में प्रशासन के साथ राजनैतिक लोग भी ज़िम्मेदार हैं ।
मेरे रास्ते रोकने पर मैं कभी भी विकराल रूप धारण कर सकतीं हूँ ।
मारवाड़ के जन जन को हाथ जोड़कर निवेदन करती हूँ कि मेरी रक्षा करें ।
मैं आपकी लुणी नदी ।