27/02/2023
DC Sahibganj के facebook wall से
◆उधवा झील पक्षी अभयारण्य को रामसर साइट घोषित करवाने हेतु हितग्राहियों की बैठक हुई आयोजित।
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राजमहल लोकसभा क्षेत्र के माननीय सांसद विजय हांसदा की अध्यक्षता में उधवा झील पक्षी अभयारण्य को रामसर साइट घोषित करवाने हेतु हितग्राहियों की बैठक आयोजित की गई गई।
बैठक के दौरान माननीय सांसद राजमहल लोकसभा क्षेत्र विजय हांसदा ने सभी सहयोगी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने एवं उधना झील की पहचान राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाने एवं साहिबगंज जिले को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने हेतु उधवा झील की उपयोगिता पर विचार विमर्श किया । सेकौन साइंटिस्ट एवं वेटलैंड एक्सपोर्ट का जिले में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि रामसर साइट बनाने हेतु इस पक्षी अभयारण्य के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबंध है साथ ही माननीय सांसद ने कहा कि उनके द्वारा भी इसलिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
★इस क्रम में बताया गया कि इस वर्ष पक्षी अभयारण्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने एवं वेटलैंड बनाये रखने हेतु लगातार प्रयास किये जा रहें हैं। जहां इस वर्ष माइग्रेंट पक्षियों का आगमन पूर्व की वर्षों की तुलना में बढ़ा है। बताया गया कि इस वर्ष बरहेल झील में 5100, उधवा झील में 6100 पक्षी आयें हैं जो सभी माइग्रेट पक्षी हैं।
★बैठक के दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने बताया गया कि उधवा पक्षी अभयारण्य 565 हेक्टेयर में फैला है, जहां पक्षियों को बचाने हेतु इको सेंसेटिव जोन बनाया गया है। जिसमे प्रदूषण एवं गंदगी की पूर्णतः मनाही है।जिसमे खनन कार्य, ईट भट्ठा संचालन, बिजली उत्पादन,पेड़ों की कटाई, आदि जैसे कार्य नहीं होंगे। साथ ही माननीय अध्यक्ष को उन्होंने अवगत कराया गया कि पक्षी अभ्यारण के इलाकों में विधुत तार पूरी तरह कवर्ड होंगे।
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि रामसर साइट बनने से यह अभ्यारण्य अंतराष्ट्रीय स्तर की आद्रभूमि हो जाएगी। इसके लिए इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान बनाया जाएगा।
बैठक के क्रम में स्टेकहोल्डर कमेटी के बीच रामसर साइट बनाने, पक्षी अभयारण्य के विकास पर विचार,बटरफ्लाई पार्क बनाने, शैवाल की खेती, इको टूरिज्म को बढ़ावा देना, वहां लोगों की जागरूकता, लोगों को रोजगार के नए अवसर बढ़ाने नई प्रजातियों को आकर्षित करने और उनके लिए अनुकूलित वातावरण तैयार करना, उन पक्षियों को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयास एवं आगे किए जाने वाले प्रयासों पर चर्चा तथा विचार विमर्श किया गया।
बैठक के क्रम में सैकोन के साइंटिस्ट ने पूर्व कि 07 दिनों में किए गए अपने रिसर्च आदि से संबंधित अपने अनुभव साझा किए। जहां उन्होंने बताया कि उधवा पक्षी अभयारण्य में अपने रिसर्च के दौरान उन्हें 13 नए पक्षी प्रजातियों की खोज की है जो पहली बार उधवा झील आएं हैं। आपको बता दें कि इस पक्षी अभयारण्य में पहले 146 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते थे जबकि इस साल से इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर 160 प्रवासी पक्षी आए हैं जिसमें एक अलग प्रजाति का चील भी आया है साइंटिस्ट डॉ0 गोल्डीन कुवार्डरोस ने बताया कि यह पक्षी अभयारण्य पक्षियों के प्रवास के लिए बेहद अनुकूलित है इसलिए इसका संरक्षण बेहद आवश्यक है साथ ही उन्होंने बताया कि यहां मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने से खेती में भी सहायता हो सकेगी।
इस क्रम में उपायुक्त राम निवास यादव ने बताया कि लगातार उधवा पक्षी अभयारण्य को विकसित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है इस क्रम में प्लांटेशन एवं समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। जबकि वाच टावर का निर्माण, फॉरेस्ट रेंजर्स की तैनाती, कॉटेज एवं सैलानियों को रुकने हेतु कमरों का निर्माण इस में समुचित सुविधाएं साइकिल ट्रैक आदि भी बनाया गया है अब इसके आसपास के इलाकों में जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
इस क्रम में सुझाव दिया कि एक्यूफर मैपिंग जरूर है जिससे भूगर्भीय जल का डाटा हो सके।