The great himalayan Rishikesh

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रानीपोखरी का शराब की दुकान बीरपुर में विरोध प्रदर्शन के बाद अब उस दुकान को एक बार फिर अठुरवाला में खोलने की तैयारी चल रह...
02/05/2025

रानीपोखरी का शराब की दुकान बीरपुर में विरोध प्रदर्शन के बाद अब उस दुकान को एक बार फिर अठुरवाला में खोलने की तैयारी चल रही है ।।करतार नेगी ने कहा अगर अभी तक शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई है आज धरने का चौथा दिन है ।
करतार नेगी संजीव भट्ट,चंद्रप्रकाश काला,बादल सजवान ।राहुल सजवान यशवंत गुसाईं,शार्दुल नेगी,सुशीला देवी,शिरा देवी ।रविन्द्र सजवान,आकाश आशा देवी,अंजना सजवान,रीना पुंडीर,लक्ष्मी सकलानी मोहनी भट्ट,मधु नेगी,मुन्नी बिष्ट,दर्शनी देवी,सरोजिनी देवी,बबीता सजवान,सरिता गुसाई आदि मौजूद रहे ।

* यह इक्कीसवीं वीं सदी का टोल है या  सोलहवीं शताब्दी का जजिया कर *जी हाँ हमारी वर्तमान सरकार चाहे वो दिल्ली में बैठी हो ...
17/03/2025

* यह इक्कीसवीं वीं सदी का टोल है या सोलहवीं शताब्दी का जजिया कर *
जी हाँ हमारी वर्तमान सरकार चाहे वो दिल्ली में बैठी हो या देहरादून में दोनों औरंगजेब व उसके जजिया कर की भर्त्सना तो करते है लेकिन उत्तराखंड राजधानी देहरादून में स्थित लछीवाला टोल प्लाजा में वसूल किया जा रहा पथ कर जजिया कर से कम नहीं है उस को भूल जाते हैं , आज भी पहाड़ों में उत्तराखंड देहरादून राजधानी ऋषिकेश, नरेंद्र नगर, टिहरी से लगते हुए प्रताप नगर, घनशाली, उत्तरकाशी देवप्रयाग चमोली श्रीनगर, पौड़ी नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग , गोपेश्वर, जोशीमठ और इन सभी क्षेत्र से जुड़े आसपास के ग्रामीण इलाके के निवासियों को अपने जरूरी काम अपने बच्चों की शिक्षा और इलाज इत्यादि के लिए देहरादून भागना पड़ता है हमारे पहाड़ के होनहार नेता जनप्रीनिधि वह भी रिमोट कंट्रोल से देहरादून से ही पूरे पहाड़ को अब ड्रोन वह आई तकनीक से लेस उपकरण से देहरादून से ही अपने क्षेत्र को कंट्रोल करते हैं उनको मिलने के लिए भी अक्सर आम आदमी को देहरादून के चक्कर मारने करने पड़ते हैं , पर उत्तराखंड की ऋषिकेश व पूरे गढ़वाल क्षेत्र व कुमांऊ के बागेश्वर से आने वाले वाहनों उत्तराखंड के आम आदमियों की सपनों की राजधानी देहरादून में प्रवेश करने से 8 किलोमीटर पहले ही यहां पर टोल के नाम पर आम आदमी को भारी भरकम टोल से रूबरू होना पड़ता है जो की जजिया कर से किसी भी तरह कम नहीं आंका जा सकता और यह पथकर अलग- अलग वाहनों के लिए अलग श्रेणी के अनुसार अलग-अलग हैं, यदि ऋषिकेश व नरेन्द्रनगर से लच्छी वाला टोल पलाज़ा की दुरी मात्र 24 व 25 किमी है और इसके बीच में लगभग 11 से 12 किमी का आरक्षित वन क्षेत्र भी है जिस कारण आम आदमी को एक किमी के अनुपात में लगभग पांच से छ: रुपया पथकर देना पड़ रहा है जो की 155 रूपये से शरू होकर विभिन्न श्रेणियो के लिए अलग-अलग हैं, जिस कारण उत्तराखंड के समस्त गढवाल क्षेत्र व कुमांऊ के बागेश्वर क्षेत्र की हर वस्तु पर और हर व्यक्ति पर इसका प्रभाव पड़ता है और इस भारी भरकम टोल के कारण उपरोक्त क्षेत्रो में महंगाई भी टोल की बढ़ती दरो के अनुसार बढती ही जा रही है, परंतु हमारे उत्तराखंड की सरकार नेशनल हाईवे के प्रावधान और नेशनल हाईवे की खुली नीति के आगे मजबूर है, अक्सर इस टोल प्लाजा पर देखा जाता है कि राजनीतिक पहचान एवं अधिकतर ऊँची सिफारिश वाले जो टोल माफ की श्रेणी में नहीं आते, और भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठन के सदस्य फिर वह चाहे देश के किसी भी कोने से क्यों ना आ रहा हो यह लोग टोल मांगने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाते और आम आदमी के साथ में टोल प्लाजा में कैसा सलूक होता है वह तो जग जाहिर है,उत्तराखंड राज्य के देहरादून को छोड़कर यदि हम ऋषिकेश और और इसके आसपास के पहाड़ी क्षेत्र और दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्र पर नजर डाले अभी तक मूलभूत सुविधाओं के नाम पर स्थिति आज भी वेसी है जैसे आज से 25 वर्ष पहले थी, जिसके लिए यहां पर प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है, जिसकी स्थिति समय- समय पर राष्ट्रीय पत्रों, शोशल मीडिया में प्रकाशित होती रहती हैं , कॉलेज, चिकित्सा अन्य कार्यो के लिए उपरोक्त क्षेत्र के निवासियों को देहरादून के के आए दिन चक्कर लगाना कोई नई बात नहीं है, उपरोक्त क्षेत्रो में मूलभूत सुविधाओं की भयंकर कमी के कारण ही हमारे जनप्रतिनिधियो , अधिकारियों जो की वर्तमान है, और पूर्व में जनप्रतिनिधि, अधिकारी के पद पर रह चुके है, देहरादून में पलायन कर चुके है, अन्य मैदानी राज्यों की तरह यहां पर सड़को का जाल नहीं बिछा है, और ना ही रोजगार के अवसर हैं, मैदानी राज्यों में जहाँ हर लगभग जहाँ हर 30 किमी पर महानगर स्थित है परन्तु उत्तराखंड में 300 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र देहरादून शहर है जहां पर चिकित्सा और उच्च शिक्षा और अन्य तरह की सुविधाओं एवं अन्य सरकारी कार्यो के लिए मजबूरन आम आदमी को दूर दराज इलाकों से आकर देहरादून भटकना पड़ता है परंतु अपने सपनों की राजधानी में आने के लिए पहले भारी भरकम पथकर देना पड़ता है और इस पथकर के नेशनल हाईवे हरिद्वार देहरादून हाईवे की स्थिति ऐसी की कुआं वाला क्षेत्र के पास कई जगह पर 1 किलोमीटर के पास दिए गए हैं एक जगह पर तो निजी पेट्रोल पंप के की सुविधा के लिए क्रैश बैरियर तक हटा दिए गए हैं कई जगह पर तो आपको गलत दिशा से तेजी आते हुए वाहन दिखाई दे जाएंगे जिससे यहां पर कई बार भयंकर दुर्घटनाएं भी हो चुकी है फिर भी विशेषकर कुआं वाला क्षेत्र पर एवं कही पर भी आपको हाई डेफिनेशन कैमरे नहीं लगाये गए हैं , भारी भरकम टोल लगने के बावजूद नेशनल हाईवे के के अनुरूप हाईवे का कोई मेंटेनेंस नहीं किया गया है इस भारी भरकम टोल को देने के बाद आम आदमी को मोहकमपुर के पास टोल रोड़ समाप्त हो जाने पर रिस्पना पुल तक व आई.एस.बी टी देहरादून जाम से जूझना पड़ता है, और विधानसभा सत्र के दौरान स्थिति और बदतर हो जाती है लेकिन हूटर लगी हुई वाहनों वी.आई.पी श्रेणी के वाहनो को इन सब समस्या से रूबरू नही होना पड़ता है क्योकि इन समस्याओ जूझना टोल चुकता करने वाले का कर्तव्य है । हमारे उत्तराखंड के जनप्रतिनिधि जो अक्सर इस रोड पर सफर भी करते रहते होंगे वे कब इस समस्या पर गौर फरमाएगे आज आम जनता को पथकर कर के नाम पर जो भारी भरकम टोल वसूला जा रहा है यह जजिया जजिया कर से काम नहीं है जिसने ऋषिकेश व उत्तराखंड के समस्त गढवाल क्षेत्र व कुमांऊ के बागेश्वर क्षेत्र से देहरादून की ओर विभिन्न कार्यो के लिए आने जाने वाले आम आदमी की आर्थिक कमर तोड़ कर रख दी है ।

ऋषिकेश क्षेत्र जो कभी शांत वादियों और शांति के लिए  प्रसिद्ध था  *सन 90 के दशक में हमारे मास्टर जी श्री गुरु दत्त जो कि ...
09/03/2025

ऋषिकेश क्षेत्र जो कभी शांत वादियों और शांति के लिए प्रसिद्ध था *सन 90 के दशक में हमारे मास्टर जी श्री गुरु दत्त जो कि मेरठ क्षेत्र के निवासी थे वह यहां की शांति और यहां की प्रकृति सौंदर्य के इतने कायल थे कि उन्होंने मेरठ को छोड़कर ऋषिकेश में ही बसने का फैसला किया था पर आज जब यदि वह कहीं है तो ऋषिकेश का हाल देखते होंगे तो उनको आज अपने फैसले पर बहुत दुख होता होगा। उत्तराखंड बनने के बाद से ही ऋषिकेश की कानूनी व्यवस्था तथा अन्य क्षेत्र मे स्थिति बद से बत्तर ही हुई है। इस दौरान यहां पर उत्तराखंड बनने के बाद से ही चुनिंदा जनप्रतिनिधियों ने क्या किया है वो आज ऋषिकेश की हालत बयां करती है।
* आज हम चर्चा कर रहे हैं , मुनि की रेती ढलवाला शीशम झाड़ी और इसके आसपास का क्षेत्र ऋषिकेश यहां पर गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले कई परिवार काफी संख्या में निवास करते हैं, पिछले कुछ सालों में ऋषिकेश में और इसके आसपास के क्षेत्र में निर्माण कार्य और अन्य जैसे खासकर टूरिज्म क्षेत्र में कार्य काफी बड़ा है, जिससे अप्रवासीय मजदूरों की काफी डिमांड बड़ी है और उसी का लाभ उठाते हुए काफी संख्या में अपराधिक परवर्ती के अप्रवासियों ने भी इसका फायदा उठाना शुरू किया है, दैनिक जागरण अमर उजाला और राष्ट्रीय अखबारों में आज के अखबार में छपी यह घटना मुनि की रीति क्षेत्र में पहली घटना नहीं है इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं को अपराधी किस्म के प्रवासी जो मजदूरों के वेश में आकर मुनि की रेती क्षेत्र में इस तरह के अपराध को बखूबी अंजाम दे चुके हैं इस क्षेत्र की भोली भाली नाबालिक लड़कियां इनकी आसान शिकार बनती जा रही है, जो
एक सोची समझी लव जेहाद की साजिश की ओर इशारा करती है, और कई मां-बाप समाज में बदनामी के डर से इस प्रकार की घटनाओं की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं करा रहे हैं , गौर करने वाली बात यह है इन अपराधी किस्म की प्रवृत्ति के अप्रवासीयो का शिकार वे लोग हैं, जो पहाड़ी क्षेत्र के दूर दराज इलाको से आकर अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मुनि की रेती क्षेत्र या उसके आसपास किराए पर रह रहे हैं और उनके मुखिया या पति अपने परिवार के भरण पोषण के लिए पैसा कमाने के लिए देश के अन्य हिस्सों में या विदेश में प्रवास कर रहे हैं। और पहाड़ी क्षेत्र से आने वाली में उनकी महिलाएं उनको यह ज्ञान ही नहीं है कि उनके बच्चों पर गिद्ध की दृष्टि बैठे हुए भूखे भेड़िए अब ऋषिकेश क्षेत्र में बड़ी तादाद में छद्म रूप के वेश में निवास कर रहे हैं, यहां पर एक घटना का उल्लेख करना चाहता हूं ,कुछ महीने पहले ही बिहार राज्य का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जो ऋषिकेश क्षेत्र के ही एक जगह पर जहाँ पर काफी संख्या में अप्रवासी मजदूर निवास करते हैं काफी महीनों या सालों से छदम वेश धारण कर निवास कर रहा था जिसको बिहार पुलिस की एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस की मदद से पकड़ा था, मैं इस पोस्ट के माध्यम से अपने भाई बहनों बुजुर्गों से निवेदन करना चाहता हूं आप सिर्फ प्रशासन और पुलिस के भरोसे नहीं बैठ सकते आपको अपने आप जागरूक होना पड़ेगा, उन भाई बहनों से निवेदन करना चाहता हूं जो अपने बच्चो को पढ़ाने के लिए दूर दराज क्षेत्र से आकर किराए पर रह रहे हैं या फिर जिनके बच्चे यौवन की दहलीज पर हैं कृपया अपने बच्चों पर नजर बनाए रखें इस क्षेत्र में जिस तरह से नशे और अन्य अपराधी गतिविधियां कुछ सालों में बड़ी है हम आप सिर्फ लाचार प्रशासन व्यवस्था और पुलिस के भरोसे बैठकर काम नहीं चला सकते हम आपको जागरूक होना अपराध का और सरकार की गलत नीतियों का खुलकर सामने आकर विरोध करना होगा अन्यथा आपकी आने वाली पीढ़ी का भविष्य निश्चित ही अंधकार मय है ।
*धन्यवाद*🙏🙏

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